लखनऊ की सुशांत गोल्फ सिटी हाईटेक टाउनशिप को लेकर NCLAT में लगातार दूसरी बार भी सुनवाई नहीं हो पाई। कोर्ट में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी। इस दौरान अपने नंबर के इंतज़ार में लखनऊ से कई होम बायर्स दिल्ली कोर्ट पहुंचे थे। जहां लंबे इंतज़ार के बाद उन्हें कोर्ट का समय नहीं मिल पाया। NCLAT ने 24 फरवरी को अंसल को दिवालिया घोषित कर दिया था। इस फैसले में न तो LDA और न ही आवास विभाग को पक्षकार बनाया गया। इसे एकतरफा कार्रवाई बताते हुए LDA ने NCLAT का दरवाजा खटखटाया था, जिसकी सुनवाई चल रही है। 83 करोड़ की देनदारी जिस फाइनेंस कंपनी की याचिका पर अंसल को दिवालिया घोषित किया गया, उसकी देनदारी महज 83 करोड़ की है। जबकि LDA की देनदारी 4 हजार करोड़ से ज्यादा है। इसमें बंधक जमीन, मानचित्र शुल्क और सरकारी जमीन की कीमत शामिल है। पढ़िए क्या है मामला नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने अंसल API को दिवालिया घोषित करते हुए कंपनी के लखनऊ और नोएडा के प्रोजेक्ट्स पर इंटैरिम रेजोल्यूशन प्रफेशनल (IRP) बैठा दिया। इसके साथ ही इन प्रोजेक्ट्स में प्लॉट, फ्लैट, विला और कॉमर्शियल प्लॉटों के साथ दुकानों में निवेश करने वाले करीब दो हजार से ज्यादा निवेशकों के हजारों करोड़ रुपए फंस गए हैं। NCLAT के आदेश को चुनौती दी इनमें सैकड़ों ऐसे हैं, जिन्हें कंपनी ने साल 2009 में प्लॉट और फ्लैट बेचे, लेकिन अब तक कब्जा नहीं दिया। इस मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन स्तर की एक कमेटी बनाई गई है जो जांच कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ NCLAT के आदेश को चुनौती दी है।