लखनऊ की एनआईए स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को अल-कायदा आतंकी साजिश मामले में एक आरोपी को सजा सुनाई है। पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर से संचालित आतंकी संगठन अल-कायदा की साजिश से जुड़े इस केस में आरोपी ने अदालत में अपना जुर्म कबूल किया था। अदालत ने आरोपी को पहले से जेल में काटे गए 1 साल, 9 महीने और 13 दिन की अवधि की सजा के बराबर सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला आरोपी द्वारा जुर्म स्वीकार किए जाने के बाद सुनाया गया। ATS ने 2021 में की थी गिरफ्तारी, एनआईए ने पूरी की थी केस की जांच  यह मामला जुलाई 2021 में सामने आया था, जब उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने लखनऊ से दो अल-कायदा आतंकियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के पीछे अल-कायदा सदस्य उमर हलमंदी की जानकारी थी, जिसने खुलासा किया था कि उसने लखनऊ में कुछ युवाओं को भर्ती कर एक स्थानीय आतंकी मॉड्यूल तैयार किया है। हलमंदी ने यह भी बताया था कि इस संगठन का नाम ‘अंसार गजवतुल हिंद (AGH)’ रखा गया है, जो 15 अगस्त 2021 से पहले लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में आतंकी हमलों की योजना बना रहा था। ATS से जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने 5 जनवरी 2022 को पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और उसी साल अगस्त में एक और आरोपी पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की। फिलहाल पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा जारी है। मोइद ने हथियार जुटाने में की थी मदद, एनआईए ने खोला पूरा जाल एनआईए की जांच में सामने आया कि आरोपी मोहम्मद मोइद, दो अन्य आरोपियों शकील और मोहम्मद मुस्तकीम के साथ मिलकर मुख्य साजिशकर्ताओं मिनहाज और मुसीरुद्दीन को हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने में शामिल था।जांच के अनुसार मिनहाज को पहले तौहीद और आदिल नबी उर्फ मूसा ने कट्टरपंथी बनाया था। इसके बाद उसने मुसीरुद्दीन के साथ मिलकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की नीयत से विस्फोटक सामग्री और हथियार जुटाने की साजिश रची थी। एनआईए की कार्रवाई ने तोड़ी आतंकी नेटवर्क की कमर एनआईए की कार्रवाई से यूपी में अल-कायदा के ‘अंसार गजवतुल हिंद’ मॉड्यूल को बड़ा झटका लगा। एजेंसी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह नेटवर्क उत्तर भारत में सक्रिय होकर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश कर रहा था।