आगरा का दवा सप्लायर 15 साल में ड्रग माफिया बना:450 करोड़ तक टर्नओवर, नेपाल-बांग्लादेश तक भेजता था दवाएं

Aug 26, 2025 - 06:00
 0
आगरा का दवा सप्लायर 15 साल में ड्रग माफिया बना:450 करोड़ तक टर्नओवर, नेपाल-बांग्लादेश तक भेजता था दवाएं
आगरा में STF इंस्पेक्टर को 1 करोड़ की रिश्वत ऑफर करने वाला हिमांशु अग्रवाल 1 साल में 450 करोड़ की दवाएं सप्लाई कर देता था। दावा है कि भारत ही नहीं, बांग्लादेश और नेपाल तक उसकी दवाएं जाती थीं। जांच में सामने आया कि सिर्फ 15 साल पहले वो आगरा के दवा बाजार का एक छोटा सप्लायर था। कुछ हजार रुपयों के लिए सुबह से रात तक दौड़ता था। मगर बैन कफ सिरप की सप्लाई करते–करते हिमांशु दवा कारोबार में बड़ा नाम हो गया। STF कैसे हिमांशु तक पहुंची? हिमांशु पर ड्रग विभाग ने कभी हाथ क्यों नहीं डाला? हिमांशु कैसे दवा बाजार में बड़ा नाम बन गया? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम हिमांशु के कर्मयोगी इनक्लेव एक्सटेंशन पहुंची। यही पर हिमांशु का घर है। पढ़िए रिपोर्ट… पड़ोसी बोले– पता नहीं था, वो नकली दवाएं बेचता है आगरा की पॉश एरिया कर्मयोगी इनक्लेव में दवा माफिया हिमांशु अग्रवाल का आलीशान मकान है। आसपास रहने वालों से बात करके सामने आया कि इस मकान की वैल्यू करीब 3 करोड़ रुपए है। घर का गेट अंदर से बंद था। आवाज देने पर भी कोई बाहर नहीं आया। घर के अंदर बिल्कुल सन्नाटा था। इसके बाद हमने आसपास के घरों में बातचीत की कोशिश शुरू की। मगर कैमरे पर कोई बातचीत करने को तैयार नहीं हुआ। लोगों ने बताया, हिमांशु बहुत ठाठ-बाट से रहता था। बड़ी–बड़ी गाड़ियों में आना–जाना था। हमें सिर्फ इतना पता था कि इनका दवाओं का कारोबार है, वो सही है या गलत, ये पुलिस केस होने के बाद पता चला। हमने पूछा- ये लोग शुरू से ही क्या कर्मयोगी इनक्लेव कॉलोनी में रहते आए हैं। उन्होंने बताया कि नहीं, ऐसा नहीं है। यहां तो ये 2019 में ही शिफ्ट हुए हैं। इससे पहले यहां से 2km दूर बल्केश्वर इलाके की संगम विहार कॉलोनी में रहते थे। यहां एक कॉर्नर का मकान हिमांशु का था, इसमें अब किराएदार रहते हैं। चचेरे भाई बबलू के साथ मिलकर बैन दवाएं बेचने लगा लोगों ने कहा, हिमांशु ने अपने चचेरे भाई बबलू के साथ कारोबार शुरू। उसकी दवा बाजार में बबलू दवाई के नाम से दुकान थी। व्यापारियों का कहना है कि बबलू पहले से कोडीन वाले कफ सिरप का कारोबार करने लगा। ये बैन है। बताया जाता है कि हिमांशु बांग्लादेश से सिरप मंगवाकर यूपी, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश तक सप्लाई करने लगा। यही वो वक्त था, जब उसने मोती कटरा में एक बड़ी दुकान और गोदाम ले लिया। अब बबलू दवाई का बैनर पीछे छूट गया। उसने कमलानगर में आलीशान कोठी और कई प्रॉपर्टी खरीद लीं। 2 साल के अंदर उसने आगरा के दवा बाजार में मुबारक महल के पास अपनी नई दुकान खोली। यहीं से फिर एक बार नारकोटिक्स और नकली दवाओं की सप्लाई करने लगा। 2022 में हवाला में नाम आया, नोटिस मिला इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर में 2022 में पहली बार हिमांशु आया। गुजरात में एक हवाला रैकेट पकड़ा गया। जो एजेंट पकड़े गए थे, उन्होंने आगरा के एक एड्रेस पर बड़ी रकम ट्रांसफर की थी। तब पहली बार इनकम टैक्स ने हिमांशु को नोटिस जारी किया। इसके बाद ये सामने नहीं आया कि हिमांशु ने जवाब क्या दिया? या कहें कि क्या सेटिंग की? क्योंकि जांच वहीं ठप पड़ गई। 3 फर्मों के जरिए करता था कारोबार दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल ने 1–1 करके 3 फर्म खोलीं। जानकार बताते हैं कि ऐसा उसने सरकारी विभागों की नजर से अपने टर्नओवर को कम दिखाने के लिए किया। उसने मोती कटरा में एक तीन मंजिला गोदाम बनवाया। यहां ‘हे मां मेडिको’ नाम की फर्म का ऑफिस खोला। इस फर्म का एक स्टोर मुबारक महल में भी खोला। एक और फर्म केएनके फार्मा प्राइवेट लिमिटेड में खोला। ये फर्म अमिता अग्रवाल के नाम पर रजिस्टर्ड है। अमिता हिमांशु की रिश्तेदार हैं। दवा व्यापारियों ने बताया कि हिमांशु दवाएं चेन्नई से मंगवाता है। उसकी री-लेबलिंग के बाद दवाओं को भारत के अलावा नेपाल और बांग्लादेश में भी भेजता था। अब जानिए हिमांशु कैसे STF के शिकंजे में आया... 22 अगस्त, शुक्रवार को आगरा की दवा मार्केट में ड्रग विभाग की कानपुर और बस्ती मंडल की टीम ने छापा मारा। टीम के साथ STF भी थी। करीब 30-35 कर्मचारी बंसल और हे मां मेडिकल स्टोर पहुंचे। टीम ने इन दोनों दुकानों के साथ ही इनके गोदाम की भी जांच शुरू की। इसके बाद रात होने पर टीम ने दोनों की दुकान और गोदाम को सील कर दिया। सुबह फिर से जांच शुरू की। ड्रग विभाग के मुताबिक, हे मां मेडिकल एजेंसी में साढ़े 3 करोड़ की दवाएं मिलीं। टीम ट्रक में भरकर इन दवाओं को कोतवाली ले गई। वहीं, बंसल मेडिकल एजेंसी के मोती कटरा स्थित गोदाम में भी टीम पहुंची। वहां दवाइयों से भरी एक डीसीएम मिली। यह माल रेलवे के जरिए आया था। चेन्नई की किसी फर्म ने लखनऊ के पते पर भेजा था, लेकिन माल आगरा में उतारा गया था। टीम ने ट्रक को जब्त कर लिया। दवाओं की कीमत का बिल 10 लाख का था। सूत्रों के मुताबिक, बंसल मेडिकल स्टोर के गोदाम से 1 करोड़ रुपए की दवाएं बरामद की गईं। हे मां मेडिकल स्टोर के मोतीकटरा में कई गोदाम मिले। यहां से दवाइयों का जखीरा बरामद हुआ। इनकी अनुमानित कीमत 2.43 करोड़ रुपए बताई गई है। इस तरह दोनों फर्मों के गोदामों से कुल 3.23 करोड़ रुपए की दवाइयां बरामद की गई हैं। 3 बैग में 1 करोड़ रुपए लेकर पहुंचा हिमांशु छापेमारी के बाद हिमांशु अग्रवाल मामले को रफा-दफा कराना चाहता था। उसने पहले दवा एसोसिएशन के पदाधिकारियों से STF और ड्रग अधिकारियों को फोन करवाया। फिर भी बात नहीं बनी तो खुद वॉट्सऐप कॉल कर STF इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा से संपर्क किया। उनसे वॉट्सऐप कॉल पर मामला सेट करने की बात की। इसके बाद STF इंस्पेक्टर यतींद्र ने एडिशनल एसपी राकेश यादव के साथ ही एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश को इस बारे में बताया। साथ ही खुद भी हिमांशु के संपर्क में रहे। हिमांशु ने 1 करोड़ रुपए 4 घंटे में इकट्‌ठा किए। फिर वह 3 बैग में नोट लेकर इंस्पेक्टर से मिलने पहुंच गया। बैग में 500-500 के नोट भरे थे। थाने में ही STF इंस्पेक्टर ने हिमांशु अग्रवाल को 1 करोड़ की रिश्वत के साथ पकड़ लिया। हिमांशु को मौके से अरेस्ट किया गया। जमीन से निकालकर लाए गए थे नोट जब नोटों की गिनती चल रही थी, तो आधे नोट गीले थे। वो एक-दूसरे से चिपक रहे थे। इसके चलते मशीन से नोट गिनने में परेशानी हो रही थी। बाद में नोटों को हाथ से गिना गया। आशंका है कि हिमांशु ने ये नोट जमीन में छिपाए थे। टीम के सदस्यों ने बताया कि पकडे़ जाने के बाद हिमांशु ने 1 करोड़ रुपए और देने का आफर दिया। लेकिन, टीम उसे थाने ले गई। जांच में दवा माफिया का हवाला कारोबार से जुडे़ होने की बात सामने आई है। STF इसकी जांच कर रही है। अफसरों ने बताया कि हिमांशु चेन्नई की मीनाक्षी फार्मा और पुडुचेरी से दवा मंगाता था। इन 5 कंपनियों की नकली दवा मिली विभाग को गोदाम से 5 बड़ी कंपनियों की नकली दवा मिली हैं। इसमें ग्लेनमार्क, सन फार्मा, जाइडस, सनोफी और यूएसबी की दवा हैं। इन नकली दवाओं में कई लाइफ सेविंग ड्रग हैं। 14 दवाओं के नमूने लिए गए हैं। फर्जी क्यूआर कोड लगाते थे पकड़ी गई नकली दवाओं को असली जैसा दिखाने के लिए उन पर असली दवाओं के रैपर पर लगने वाले क्यूआर कोड़ लगाए गए थे। दवा कंपनी के लोगों ने जब इन क्यूआर कोड को स्कैन किया, तो पता चला कि फर्जी तरीके से इन्हें लगाया गया है। असली क्यूआर कोड स्कैन करने पर दवा की पूरी जानकारी मोबाइल पर आ जाती है। ------------ यह खबर भी पढ़ें... नोएडा के निक्की हत्याकांड में सास-ससुर समेत 4 गिरफ्तार:जब पीड़िता को जिंदा जलाया तो पति बाहर था, सीसीटीवी से उलझी पुलिस ग्रेटर नोएडा के निक्की हत्याकांड में पुलिस ने फरार चल रहे जेठ और ससुर को गिरफ्तार कर लिया है। कासना थाने की पुलिस ने सोमवार सुबह जेठ रोहित भाटी और ससुर सतवीर को सिरसा टोल और चौराहे के पास से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी विवाहिता निक्की को जिंदा जलाए जाने के बाद से ही फरार थे। पुलिस ने मामले में रविवार को आरोपी पति विपिन और सास दया को गिरफ्तार किया था। पति को पुलिस ने एनकाउंटर के दौरान पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। पढ़ें पूरी खबर...

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0