जम्मू के कटड़ा स्थित मां वैष्णो देवी भवन मार्ग पर हुई लैंड स्लाइड में आगरा केरकाबगंज स्थित कुम्हारपाड़ा निवासी जूता कारीगर अर्जुन का परिवार भी हादसे का शिकार हुआ है। अर्जुन अपने बेटे दीपक की दोनों बेटियों के मुंडन संस्कार के लिए परिवारीजनों के साथ वैष्णो देवी गए थे। हादसे में उनकी पत्नी सुनीता देवी (50), नाती सेजल (11 माह) और बेटे की साली भावना (11) की मौत हो गई। अर्जुन खुद लापता है। हादसे के बाद से कुम्हारपाड़ा में गमगीन माहौल है। कुम्हारापाड़ा निवासी अर्जुन कुमार जूता कारीगर हैं। उनका बेटा दीपक भी जूते का काम करता है। दीपक की दो बेटी ऐंजल और सेंजल हैं। दीपक के बहनोई प्रमोद कुमार ने बताया कि दीपक की तीन साल की बेटी एंजिल हैं। उन्होंने मन्नत मांगी थी। इसलिए बेटी का मुंडन कराने के लिए दीपक परिवार के साथ मां वैष्णो देवी मंदिर दर्शन के लिए गए थे। उनके साथ पत्नी मोना (26), बेटी ऐंजल, 11 महीने की बेटी सेजल, पिता अर्जुन सिंह, मां सुनीता देवी, कोटली बगीची निवासी बहन जैसमिन, बहनोई मोहित और साली भावना भी गए थे।
विज्ञापन बुधवार दोपहर को जैसमिन ने दिल्ली में रहने वाली बड़ी बहन नीलम को फोन किया। बताया कि वह लोग हादसे का शिकार हो गए हैं। अस्पताल में भर्ती हैं। पिता अर्जुन का पता नहीं चल रहा है। इस पर नीलम ने प्रमोद को काल करके जानकारी दी। जानकारी से परिवार में कोहराम मच गया। दीपक के चाचा राजू जम्मू के लिए चल दिए। मगर ट्रेन रद होने की वजह से उन्हें दिल्ली से कार में सफर करना पड़ा। बृहस्पतिवार सुबह तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई थी। घटना का पता चलने पर दीपक के घर के बाहर पड़ोस के लोग जुट गए। परिवार के लोगों के पहुंचने का इंतजार
पड़ोसियों ने बताया कि अर्जुन के लापता होने की जानकारी मिली है। वहीं सुनीता और भावना की मृत्यु के बारे में बताया गया है। दूसरी बेटी और अन्य लोग कहां भर्ती हैं? इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। परिवार के लोगों के पहुंचने पर ही स्थिति साफ हो सकेगी।
टायलेट करने गया था दीपक, इसलिए बच गया
दीपक के बहनोई ने बताया कि दीपक के चोट लगी है, वो अस्पताल में भर्ती है। उसने बताया कि जब हादसा हुआ तो वो दर्शन करके लौट अर्द्ध कुंवारी लौट रहे थे। उन्हें टायलेट लगा तो वो परिवार को बैठाकर भवन के रास्ते में बने शौचालय में गए। अचानक बहुत तेज आवाज हुई। मलवा आया। सब लोग मलवे में दब गए। चीख पुकार मच गई। वो उस जगह पर नहीं थे, इसलिए बच गए। मोहल्ले के लोग गम में डूबे
पड़ोसियों ने बताया कि दीपक ने मन्नत मांगी थी। वह बेटी के मुंडन के लिए काफी समय से मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाना चाहता था। कई बार योजना बनाई थी, पर नहीं जा सके। इस बार कार्यक्रम बन सका था। परिवार हंसी खुशी के साथ गया था। घर पर ताला लगा दिया था। पड़ोसियों से कहा था कि जब तक बाहर रहेंगे, तब तक घर का ख्याल रखना। मगर किसी ने सोचा भी नहीं था कि परिवार हादसे का शिकार हो जाएगा। घटना की पता चलने पर मोहल्ले के लोग गम डूब गए। सभी प्रार्थना कर रहे थे कि बाकी लोग ठीक हो जाएं। रिश्तेदार ने कैंसिल कर दिया था कार्यक्रम
दीपक ने अपने कई और रिश्तेदारों से जम्मू जाने के लिए बात की थी। इस पर 12 से 15 लोग तैयार हो गए थे। मगर जाने से कुछ दिन पहले ही रिश्तेदारों ने कार्यक्रम कैंसिल कर दिया। जब सभी को हादसे का पता चला, तब सब परिवार का हाल जानने में जुट गए।