उन्नाव में महात्मा गांधी के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से "एक कदम गांधी के साथ" नामक पदयात्रा शुरू की जा रही है। यह यात्रा 2 अक्टूबर, गांधी जयंती से प्रारंभ होकर 26 नवंबर तक चलेगी। इसका लक्ष्य स्वराज, समानता और न्याय के संकल्प को सशक्त बनाना है। पदयात्री गांधीजी के सत्य, अहिंसा और स्वावलंबन के सिद्धांतों को लेकर गांवों, कस्बों और शहरों में लोगों को जागरूक करेंगे। आयोजकों के अनुसार, यह यात्रा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की भावना को मजबूत करने के लिए प्रेरित करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य आजादी के 75 साल बाद भी देश में व्याप्त असमानता, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से निपटने के लिए जनता को गांधीवादी मार्ग पर एकजुट करना है। कार्यक्रम में बताया गया कि वर्तमान समय में सत्य, स्वराज और समानता के आदर्शों को पुनर्जीवित करना अत्यंत आवश्यक है। इस पदयात्रा में समाज के हर वर्ग के लोग शामिल होंगे, जिनमें किसान, मजदूर, छात्र, महिलाएँ, युवा, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता प्रमुख हैं। आयोजकों ने बताया कि यात्रा के दौरान स्वच्छता, शिक्षा, आत्मनिर्भरता और नशा मुक्ति जैसे अभियानों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह पदयात्रा विभिन्न जिलों से होकर गुजरेगी और रैलियों, जनसभाओं तथा संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से जनता से सीधा जुड़ाव स्थापित करेगी। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने गांधीजी के स्वराज के अर्थ को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि गांधीजी के लिए स्वराज का अर्थ केवल राजनीतिक आजादी नहीं, बल्कि व्यक्ति और समाज की आत्मनिर्भरता था। उनका मानना था कि सच्चा भारत गाँवों में बसता है, और जब तक गाँवों को सशक्त नहीं बनाया जाएगा, तब तक देश का विकास अधूरा रहेगा। इस अवसर पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लोगों से आह्वान किया कि वे गांधीजी के दिखाए मार्ग पर चलकर समाज में प्रेम, भाईचारा और एकता का संदेश फैलाएँ। "एक कदम गांधी के साथ" पदयात्रा के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि परिवर्तन केवल आलोचना से नहीं, बल्कि सकारात्मक और सक्रिय कदमों से ही संभव है।