लखनऊ के गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में भारतेन्दु नाट्य अकादमी की ओर से काकोरी एक्शन का मंचन किया गया। नाटककार सुशील कुमार सिंह द्वारा लिखित यह नाटक काकोरी कांड की शताब्दी को समर्पित है। डॉ. सुमित श्रीवास्तव के निर्देशन में प्रस्तुत नाटक की कहानी शाहजहाँपुर के एक नाट्य दल की है। काकोरी शताब्दी वर्ष पर प्रस्तुति देने आ रहे दल की बस उसी स्थान पर खराब हो जाती है, जहाँ 100 वर्ष पूर्व क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी खजाने की ट्रेन लूटी थी। क्रांतिकारियों की गाथा को जीवंत किया नाटक में रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, मन्मथनाथ गुप्त और शचींद्रनाथ बख्शी जैसे क्रांतिकारियों की गाथा को जीवंत किया गया। देशभक्ति गीतों और "हँसते-हँसते चूम लेंगे फाँसी के फंदों को हम" जैसे संवादों ने दर्शकों का दिल जीत लिया । वीर शहीदों की कहानी को सजीव किया नाटक की संगीत परिकल्पना डॉ. अंजना पुरी ने की। प्रकाश योजना और प्रचार हिमांशु बी. जोशी ने संभाला। स्नेहा कुमार ने वेशभूषा और गुंजन शुक्ला ने दृश्यबंध की जिम्मेदारी निभाई। चनम्बाम कुंजेशोर सिंह ने मंच सामग्री तैयार की।अनिल के. चौधरी, रितेश अस्थाना, अर्घ्य सामन्ता, आशुतोष जायसवाल, राजर्षि रॉय चौधरी समेत कई कलाकारों ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से काकोरी कांड के वीर शहीदों की कहानी को सजीव किया।