कुशीनगर में लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियाँ जोरों पर हैं। प्रशासन, नगर निकाय और ग्रामीण स्तर पर छठ घाटों को सजाने-संवारने का काम युद्धस्तर पर जारी है। जिले के सैकड़ों घाटों पर सफाई, रंगाई और प्रकाश व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। घाट पर छठ वेदी निर्माण में जुटे अशोक गुप्ता ने बताया कि उनके बेटे की तबीयत खराब थी। परिवार ने मन्नत मांगी थी, और छठ मैया के आशीर्वाद से वह ठीक हो गया। इस बार वे जोड़ा कलश के साथ कोशी भरेंगे और मां छठ का पक्का वेदी बना रहे हैं। चार दिवसीय छठ महापर्व 25 अक्टूबर से 'नहाए-खाए' के साथ शुरू होगा। इसके बाद 26 अक्टूबर को खरना, 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास का समापन करेंगे। घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस और गोताखोरों की तैनाती की जा रही है। इसके अतिरिक्त, बैरिकेडिंग, टेंट, लाइट और मेडिकल टीमों की भी तैयारी की जा रही है ताकि पर्व के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो। छठ घाटों पर सफाई टीमें लगातार झील, नदी और तालाबों के किनारों की पैदल निगरानी कर रही हैं। ग्रामीण इलाकों में युवक मंडल, स्वयंसेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग भी सजावट और सेवा कार्यों में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। जनमानस में पर्व को लेकर उल्लास साफ झलक रहा है। बाजारों में पूजन सामग्री की खरीदारी भी तेज हो चुकी है, जिससे रौनक बढ़ गई है। बिहार से सटे होने के कारण कुशीनगर में सूर्योपासना का यह पर्व सामाजिक एकता, स्वच्छता और आस्था का अनुपम संगम प्रस्तुत करता है।