गोरखपुर में शाहपुर स्थित सेंट्रल एकेडमी स्कूल के परिसर में आयोजित विराट हिंदू सम्मेलन में हिन्दू एकता का शंखनाद गूंजा। सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए। उन्होंने हिन्दू एकता व सामाजिक उत्थान के संकल्प को दोहराया। सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित सह प्रांत प्रचारक सुरजीत ने कहा कि हमें केवल धर्म की जय नहीं बोलनी है, बल्कि धर्म को आचरण में उतारना होगा। सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी का आग्रह और नागरिक कर्तव्य, ये पांच स्तंभ ही हिंदू समाज और भारत को विश्व गुरु की गद्दी पर पुनः आसीन करेंगे। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के स्वामी अर्जुनानंद ने संत समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि आध्यात्मिक जागृति ही समाज की समस्त बुराइयों का अंत है। संगीता पाण्डेय ने मातृशक्ति का आह्वान करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को संस्कारों से ओत-प्रोत करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक धीरज राय, सह जिला कार्यवाह राजेश सिंह और कोषाध्यक्ष कमलाकांत पटेल, अंशुमान मिश्रा, डा. हरिशचंद्र, लालजी वर्मा, निर्भय वर्मा, भरत चौहान आदि उपस्थित रहे। राष्ट्र के नागरिकों के लिए आदर्श है भगवान राम का जीवन दाउदपुर क्षेत्र की बस्ती विवेकानंद नगर दक्षिणी महानगर की ओर से भी हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया। तारामंडल स्थित मैरेज हाल में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व महापौर डा. सत्या पांडेय ने कहा कि भगवान राम राष्ट्र हैं। उनका जीवन राष्ट्र के नागरिकों के लिए आदर्श है।केवट से मिलना हो, शबरी के जूछे बेर खाना हो, जटायु का उद्धार करना हो, भगवान राम ने सामाजिक समरसता का परिचय दिया।
संत आर्यनंद ने कहा कि हिन्दू धर्म पूरी तरह से वेज्ञानिक धर्म है। यह धर्म प्रकृति पूजक है। स्वामी अर्जुनानंद ने कहा कि हम अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और धर्म से नहीं जोड़ पा रहे हैं, उसकी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, यह अच्छी बात नहीं है।
विभाग प्रचारक अजय नारायण ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, अपने धर्म से जुड़े रहना है। साथ ही अपने बच्चों को भी उससे जोड़ना है।