चंदौली में संचालित प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र के तहत मरीजों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने का उद्देश्य अब सवालों के घेरे में है। चकिया के जिला संयुक्त चिकित्सालय परिसर स्थित जनऔषधि केंद्र में मरीजों को खुलेआम बाहरी कंपनियों की महंगी दवाएं बेचे जाने का मामला सामने आया है। मरीजों के परिजनों ने सीएमएस को ज्ञापन औषधि संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग किया हैं। चकिया के संजय, बसंत और धर्मेश ने बताया कि उन्होंने जनऔषधि केंद्र से दवा लेने पहुंचे थे। लेकिन उन्हें सस्ती सरकारी दवाओं के बजाय महंगी निजी कंपनी की दवाएं थमा दी गईं। मरीजों का कहना है कि जब उन्होंने जनऔषधि की दवा मांगने की बात कही, तो दुकानदार ने बहाने बनाते हुए कहा कि “वह दवा स्टॉक में नहीं है। मरीजों ने आरोप लगाया कि जनऔषधि केंद्र का उद्देश्य गरीब मरीजों को राहत देना था। लेकिन अब वहां दलालों और निजी दवा कंपनियों का खेल चल रहा है। उन्होंने बताया कि सीएमएस से लिखित शिकायत दर्ज कराया गया। अब उच्चाधिकारियों को मामले का गंभीरता से संज्ञान लेने की जरूरत हैं। स्वास्थ्य विभाग अब पूरे मामले की जांच कर रहा है। केंद्र संचालक के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सीएमएस रामबाबू यादव ने कहा कि जनऔषधि योजना की साख से कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।