चमोली स्थित विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी को शीतकाल के लिए शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे से बंद कर दिया गया। हर साल की तरह इस साल भी घाटी को 1 जून को पर्यटकों के लिए खोला गया था।इस पर्यटन सत्र के दौरान कुल 15,924 पर्यटकों ने घाटी की खूबसूरती का दीदार किया, जिनमें 416 विदेशी सैलानी शामिल थे। पार्क प्रशासन को इस दौरान लगभग 33 लाख रुपए की आय हुई, जो पिछले सालों की तुलना में कुछ कम रही। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, नवंबर से अप्रैल तक इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है, जिससे घाटी पूरी तरह बर्फ की चादर में ढक जाती है और आवाजाही असंभव हो जाती है। साथ ही, दुर्लभ वन्य जीवों और वनस्पतियों की सुरक्षा के मद्देनजर इस अवधि में पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाता है। जून से अक्टूबर तक भीड़ इस साल वन्यजीव सुरक्षा को सशक्त करने के लिए पार्क प्रशासन ने घाटी के महत्वपूर्ण स्थलों पर पांच ट्रैप कैमरे स्थापित किए हैं। इन कैमरों की मदद से वन्यजीव गतिविधियों की निगरानी की जाएगी और किसी भी अवैध गतिविधि पर रोक लगाई जा सकेगी। फूलों की घाटी अपनी अनोखी जैव विविधता, रंग-बिरंगे फूलों और शांत प्राकृतिक वातावरण के लिए देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित करती है। जून से अक्टूबर तक यहां हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, जबकि शीतकाल में घाटी प्राकृतिक निद्रा में चली जाती है और अगले सत्र में फिर से पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार होती है।