लखनऊ में एक रिटायर्ड शिक्षक के साथ जमीन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित योगेन्द्र यादव, जो कि केंद्रीय विद्यालय गोमतीनगर से सेवानिवृत्त हैं और शरीर से विकलांग हैं, ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ को शिकायती पत्र देकर कई लोगों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। अमेठी विश्वविद्यालय के पास दूध विक्रेता के माध्यम से हुई मुलाकात योगेन्द्र यादव की मुलाकात राजू यादव, निवासी निरदहा खेड़ा, थाना बीबीडी, लखनऊ से हुई। राजू यादव ने उन्हें अपने करीबी रमाकान्त यादव (निवासी दाउदनगर, थाना सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ) से मिलवाया। रमाकान्त ने खुद को जमीन का बड़ा कारोबारी बताकर योगेन्द्र यादव को एक जमीन डील के झांसे में फंसा लिया। फर्जी रजिस्ट्री, गलत खसरा और नजायज़ कब्जा रमाकान्त यादव ने बाराबंकी जिले के ग्राम रामपुर जोगा, तहसील नवाबगंज की एक जमीन दिखाकर ₹72.20 लाख ठग लिए। जिस जमीन को दिखाया गया, उसकी जगह खसरा नंबर 2693 (0.127 हेक्टेयर) की दूसरी जमीन की रजिस्ट्री करवा दी गई, जो कि अन्य व्यक्तियों के नाम थी। इसके लिए 450000 रुपये का फर्जी बैनामा भी करवाया गया। दूसरा जाल: पहले से बेची गई जमीन दोबारा रजिस्ट्री इसके बाद रमाकान्त यादव ने दिनेश कुमार श्रीवास्तव और उनकी पत्नी क्वीन श्रीवास्तव के साथ मिलकर एक दूसरी जमीन की रजिस्ट्री कराई। जो पहले ही दूसरे के नाम बेची जा चुकी थी। ये जमीन लखनऊ के ग्राम बरौना, तहसील सरोजनी नगर में स्थित थी। इस तरह योगेन्द्र यादव को लगातार धोखे में रखा गया। दलालों की संलिप्तता और धमकी इस जालसाजी में शैलेन्द्र शर्मा (निवासी ग्राम पत्थर देवा, जनपद देवरिया) और जयकुमार यादव (निवासी दाउद नगर, लखनऊ) जैसे दलालों की सक्रिय भूमिका रही। पीड़ित के अनुसार, रकम की मांग करने पर उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। बैंक से चेक और ट्रांसफर के जरिए दी गई रकम योगेन्द्र यादव ने बताया कि उन्होंने कुल ₹56.90 लाख यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, गोमतीनगर स्थित अपने खाते से चेक और ट्रांसफर के माध्यम से दिए, साथ ही ₹1.30 लाख नकद भी रमाकान्त यादव को दिया। यह पूरा मामला 11 मार्च 2025 को संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) को लिखे शिकायती पत्र में दर्ज किया गया है।