जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार (24 अक्टूबर) को राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव हुए। तीन सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने जीतीं वहीं एक सीट भाजपा ने जीत ली। केंद्र शासित क्षेत्र बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार राज्यसभा चुनाव हुए। भाजपा की जीत कुछ विधायकों की क्रॉस वोटिंग से संभव हुई है। तीन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार चौधरी मुहम्मद रमजान,सज्जाद किचलू और गुरुशरण (शमी) ओबेरॉय जीते हैं। एक सीट भाजपा के सत शर्मा ने जीती है। इसके पहले आज सुबह विधानसभा परिसर में वोटिंग हुई। 86 विधायकों ने वोटिंग की। एक वोट डाक मतपत्र के माध्यम से डाला गया। 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से यह जम्मू-कश्मीर से पहला राज्यसभा चुनाव है। ये सीटें 15 फरवरी 2021 में खाली हुई थीं, जब पूर्व सांसदों गुलाम नबी आजाद और नजीर अहमद लावे ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। दो अन्य सदस्यों, फयाज अहमद मीर और शमशीर सिंह मन्हास ने उसी वर्ष 10 फरवरी को अपना कार्यकाल पूरा किया था। 88 में से 86 विधायकों ने वोटिंग की जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें हैं। बडगाम सीट से उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे और नगरोटा सीट पर भाजपा के देविंदर राणा के निधन के कारण दो सीटें खाली हैं। इस तरह में कुल 88 विधायक हैं। इनमें से 86 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में वोटिंग की। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और हंदवाड़ा के विधायक सज्जाद लोन ने मतदान में भाग नहीं लिया। आप विधायक मेहराज मलिक जो हिरासत में हैं, उनका डाक मतपत्र भी रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंच गया। उसे मतगणना में शामिल किया जाएगा। उमर बोले- जम्मू-कश्मीर की आवाज संसद में जोरदार तरीके से सुनी जाएगी जीत का जश्न मनाते हुए, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह परिणाम क्षेत्रीय एकता और जनता के विश्वास की पुनः पुष्टि है। उन्होंने कहा, हमारे विधायकों ने एक स्पष्ट संदेश दिया है -जम्मू-कश्मीर की आवाज संसद में जोरदार तरीके से सुनी जाएगी। इस महत्वपूर्ण लड़ाई में हमारे साथ खड़े रहने के लिए हम अपने सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हैं। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और हंदवाड़ा के विधायक सज्जाद गनी लोन ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस BJP के बीच एक "फिक्स्ड मैच" था। भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों और निर्दलीय विधायकों, खासकर शेख खुर्शीद और शब्बीर कुली के दावों को देखते हुए बीजेपी के एक भी सीट जीतने की संभावना थी है। गठबंधन के पास तीसरी और चौथी सीट के लिए 29-29 वोट, जबकि बीजेपी के पास अपने उम्मीदवार के लिए 28 वोट थे। बीजेपी केवल तभी सीट जीत सकती है जब गठबंधन के गुट नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी या निर्दलीय - के विधायक क्रॉस-वोटिंग करें। भाजपा की एक सीट पर जीत से यह तय हो गया है कि उसके पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई है।