देखो मैं जहर खा रही हूं...! मैं अपने पति और ससुर की वजह से जहर खा रही हूं। कोई खुश होकर नहीं मरता। जब मैं मरूं तो मेरे कान में राधा...राधा नाम जपते रहना। झकझोरकर रख देने वाले यह आखिरी शब्द थे फलावदा के कुण्डा की रहने वाली आरुषि के। आरुषि ने ससुरालियों के अत्याचारों के आगे समर्पण कर दिया और मौत को गले लगा लिया। मंगलवार को आरुषि का आखिरी वीडियो सामने आया। 2 मिनट 12 सैकंड के इस वीडियो में वह रोते हुए अपना हाल बयां कर रही है। हाथ में जहर का एक पाउच भी दिखाई दे रहा है। क्या था इन आखिरी कुछ शब्दों में, डालते हैं नजर मैं अपने पति की वजह से और अपने ससुर की वजह से जहर खा रही हूं। झूठे झूठे इल्जाम लगाए और ना मुझे लेकर जा रहे हैं। मेरा पति शराब पीता है। दूसरी लड़कियों से बात भी करता है। मेरे फोन का पासवर्ड है...280312, आप मेरा व्हाट्सअप चेक कर लेना। मेरे पर झूठे झूठे इल्जाम लगाए हैं। मैं अच्छी बच्ची हूं, मैने कभी कुछ गलत नहीं किया। मैने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात तक नहीं की। कुछ खुश होकर नहीं मरता। जब मैं मरूं तो मेरे कान में राधा राधा नाम का जप करना, मुझे दोबारा नहीं आना जीवन में। बस, इतना कर देना...! 28 नवंबर को होते शादी को एक साल फलावदा के कुंडा निवासी प्रदीप कुमार ने अपनी बेटी आरुषि की शादी 28 नवंबर, 2024 को वजीराबाद दिल्ली निवासी मनोज नागर के बेटे तुषार नागर से की थी। अभी ठीक से इस रिश्ते की शुरुआत हुई भी नहीं थी कि आरुषि ने मौत को गले लगा लिया। 81 लाख किया खर्च, फिर भी ना मिली खुशी करीब दो महीने से आरुषि अपने पिता के घर पर रह रही थी। उसने भी सुखद भविष्य के सपने संजोए थे जो कुछ ही महीनों में चूर चूर हो गए। पिता प्रदीप कुमार की मानें तो आरुषि की शादी में उन्होंने 81 लाख रुपया लगाया लेकिन ससुरालिए इससे भी खुश नहीं थे। 50 लाख रुपये की करते थे बेटी से मांग पुलिस को दी तहरीर में प्रदीप ने बताया कि उन्होंने शादी में 31 लाख कैश के अलावा थार गाड़ी, जेवरात तक दिए लेकिन बेटी को खुशी नहीं दिला पाए। पति तुषार, देवर मयंक, ससुर मनोज और सास सुरूचि 50 लाख रुपये लाने के लिए बेटी को प्रताड़ित करते थे। मेरठ की पुलिस टीम का दिल्ली में डेरा आरुषि ने अस्पताल में दम तोड़ा। उसी दिन पिता ने ससुरालियों के खिलाफ तहरीर दी और पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कर लिया। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि दो टीम बनाकर आरोपी ससुरालियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली भेजी गईं। हालांकि आरोपी फरार हो गए। फिलहाल मेरठ पुलिस की दोनों टीमों का दिल्ली में डेरा है।