बुलंदशहर में वर्ष 2017 में जान से मारने की नियत से हमला करने के दो आरोपियों, महाराज और ओमकार को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने दोनों पर 36-36 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला एडीजे/एफटीसी-02 न्यायाधीश मनोज कुमार शशान ने सुनाया। यह घटना 2017 में नित्यानंदपुर गांव में हुई थी। आरोपियों महाराज और ओमकार ने वादी किशन के पिता कमल सिंह और भाई पर जान से मारने की नियत से चाकू और फरसे से हमला कर उन्हें घायल कर दिया था।इस संबंध में थाना नरसेना में मुअसं- 158/17 धारा 323, 325, 307 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले में मॉनिटरिंग सेल बुलंदशहर द्वारा न्यायालय में सशक्त और प्रभावी पैरवी की गई। इस दौरान 9 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजक भूपेन्द्र सिंह राजपूत, मॉनिटरिंग सेल प्रभारी निरीक्षक यशपाल सिंह, पैरोकार सुनील कुमार और कोर्ट मुहर्रिर मोनेन्द्र सिंह ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रभावी पैरवी के चलते ही अभियुक्तों को दोषी ठहराया जा सका, जिसे बुलंदशहर पुलिस की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।