'जो एक बार गलती करे वो नादान और जो बार-बार गलती करे वो टीम पाकिस्तान।' 2011 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत से हारने के बाद एक दुखी पाकिस्तानी फैन ने यह जुमला दिया था। रविवार को दुबई में भारत के खिलाफ एशिया कप के मुकाबले में पाकिस्तान की टीम ने अपने फिर सही साबित कर दिया। पाकिस्तान ने इस मुकाबले में तीन बड़ी गलती थी और शानदार फॉर्म में चल रही टीम इंडिया ने तीनों का बखूबी फायदा उठाया। इनमें से एक गलती तो मैच की पहली गेंद फेंके जाने से भी पहले हो गई थी और संभवतः उसी वक्त पाकिस्तान की हार भी तय हो गई। पाकिस्तान की तीनों गलतियों को विस्तार से जानेंगे उससे पहले बतौर भारतीय फैन गर्व करने लायक एक रिकॉर्ड जान लीजिए। भारत की यह जीत इंटरनेशनल क्रिकेट में पाकिस्तान के ऊपर लगातार छठी जीत है। पाकिस्तान के साथ भारत की क्रिकेट राइवलरी 73 साल पुरानी है और इतने सालों में पहली बार भारतीय टीम ने इस प्रतिद्वंद्वी पर जीत का सिक्सर जमाया है। यानी पहली बार पाकिस्तान के ऊपर लगातार 6 मैचों में जीत। अब पाकिस्तान टीम की उन गलतियों की हैट्रिक, जिसने भारत की जीत तय कर दी... पहली गलतीः जहां 18 में से 16 मैच चेजिंग टीम ने जीते वहां पहले बैटिंग चुनी
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट ग्राउंड की पिच पर टारगेट का पीछा करने वाली टीम को बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। इस मैच से पहले दुनिया की टॉप-12 टीमों के बीच यहां खेले गए पिछले 18 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में से 16 में टारगेट चेज करने वाली टीम ने जीत हासिल की थी। पाकिस्तान की टीम पिछले 13 साल में भारत को सिर्फ दो टी-20 मैचों में हरा पाई थी। उसे यह दोनों जीत भी इसी ग्राउंड पर दूसरी पारी में बैटिंग करते हुए मिली थी। इसके बावजूद पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला कर लिया। इरफान पठान, अजय अडेजा, संजय मांजरेकर जैसे कमेंटेटर्स ने सलमान के इस फैसले पर हैरानी जताई। पाकिस्तान ने बैटिंग का फैसला क्यों किया इसके पीछे सीधे-सीधे कोई लॉजिक समझ नहीं आता। पाकिस्तान अगर भारत के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के पिछले मुकाबले को भी याद रखता तो शायद इस गलती से बच सकता था। दुबई में ही खेले गए उस वनडे मैच में भी पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी और उसे भारत ने एकतरफा अंदाज में हराया था। दूसरी गलतीः टॉप विकेट टेकर हारिस रउफ को प्लेइंग-11 से बाहर रखा
पाकिस्तान के एशिया कप स्क्वॉड में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा सात विकेट तेज गेंदबाज हारिस रउफ के नाम था। इसके बावजूद पाकिस्तानी थिंक टैंक ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी के सामने अपने सबसे कामयाब गेंदबाज को ही प्लेइंग-11 से बाहर कर दिया। शाहीन शाह अफरीदी शुरुआत में ही पिट गए और दूसरे छोड़ से कोई दमदार फास्ट बॉलर न होने का खामियाजा पूरी टीम ने भुगता। तीसरी गलतीः टुकटुक बैटिंग- इस वजह से कभी मुकाबले में नहीं आया पाकिस्तान
मॉर्डन टी-20 का फलसफा है कि भले ही विकेट गिरे बैटिंग में अटैक जारी रखो। पाकिस्तान इसे फॉलो करने में पूरी तरह फेल रहा। 6 रन पर पाकिस्तान के दो विकेट गिर गए और इसके बाद उसके बल्लेबाज डिफेंसिव मोड पर उतर आए। फखर जमान और साहिबजादा फरहान ने तीसरे विकेट के लिए 39 रन की पार्टनरशिप जरूर की लेकिन इसके लिए उन्होंने 38 गेंदें खपा दीं। यानी करीब 6 रन प्रति ओवर की दर से बल्लेबाजी। यह रन रेट आजकल वनडे क्रिकेट में भी धीमा माना जाता है। एक दिन पहले ही इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 मैच में 15 के रन रेट से बल्लेबाजी करते हुए 300 पार का स्कोर बनाया था। बैटिंग के लिए पाकिस्तान की पूरी एकादश क्रीज पर उतरी लेकिन 6 बल्लेबाज 100 का स्ट्राइक रेट भी हासिल नहीं कर पाए। इस रवैये का नतीजा यह रहा कि न तो पाकिस्तान पर्याप्त रन बना पाया और न ही विकेटों का पतझड़ रोक पाया। अगर नंबर 9 बल्लेबाज शाहीन शाह अफरीदी ने 16 गेंदों पर 33 रन न बनाए होते तो पाकिस्तान का 100 का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल हो जाता। भारत ने पहले से लेकर आखिरी गेंद तक दबाव बनाए रखा
ऐसा नहीं है कि सिर्फ पाकिस्तान की गलतियों की वजह से भारत जीता। इस मैच में टीम इंडिया की हर रणनीति सटीक साबित हुई। मैच की पहली से लेकर आखिरी गेंद तक भारतीय टीम ने पाकिस्तान को जकड़ कर रखा और अंत में उसकी उम्मीदों का दम घोटकर शानदार जीत हासिल की। ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने मैच की पहली लीगल गेंद पर विकेट ले लिया। इससे पहले एक गेंद वाइड रही थी। अगले ही ओवर में बुमराह को भी विकेट मिल गया। पावरप्ले में पाकिस्तान सिर्फ 42 रन बना सका। इसके बाद भारतीय स्पिनर्स ने मोर्चा संभाला। वैसे तो मिस्ट्री स्पिनर का तमगा सिर्फ वरुण चक्रवर्ती के नाम है लेकिन इस मैच में भारत के तीनों फिरकी गेंदबाज पाकिस्तानी बल्लेबाजों के लिए पहेली साबित हुए। कुलदीप ने चार ओवर में सिर्फ 18 रन देकर तीन विकेट लिए। अक्षर ने भी अपनी 24 गेंदों पर महज 18 रन दिए और दो विकेट लिए। वरुण को 1 विकेट मिला और उन्होंने अपने चार ओवर में केवल 24 रन खर्च किए। पाकिस्तान को 127 रन पर रोकने के बाद भारत के लिए राह आसान थी। वैसे तो शुभमन गिल महज 10 और अभिषेक शर्मा 31 रन रन बनाकर आउट हुए लेकिन इनका स्ट्राइक रेट 142 और 238 का रहा। पावरप्ले में भारत ने 61 रन बना लिए। यह पाकिस्तान के खिलाफ किसी टी-20 पारी के पहले 6 ओवर में भारत का दूसरा सबसे बड़ा टोटल है। इसके बाद सूर्या, तिलक और शिवम दुबे ने भी 100 के ऊपर के स्ट्राइक रेट से बैटिंग की और 25 गेंद बाकी रहते ही टूर्नामेंट में टीम को लगातार दूसरी जीत दिला दी। भारत का सुपर-4 में पहुंचना पक्का
दो मैचों में लगातार दो जीत के साथ भारतीय टीम ने एशिया कप के सुपर-4 में भी अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है। भारत 4 पॉइंट्स के साथ टेबल टॉपर है। भारत का आखिरी लीग मैच 19 सितंबर को ओमान से होगा।