दुबई में सेटल कराने के नाम पर छह लाख ठगे:नोएडा में खोला था ऑफिस, पंजाब के रहने वाले है कारोबारी
Sep 27, 2025 - 06:00
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दुबई में फर्म पंजीकरण कराने और वहीं पर सेटल कराने के नाम पर ठगों ने पंजाब के कारोबारी के साथ पौने छह लाख रुपए की ठगी कर ली। रकम लेने के बाद जब आरोपियों ने कॉल उठाना बंद कर दिया तब पीड़ित को पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। इस मामले में फेज वन थाने में दो नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। पुलिस जब आरोपियों के दफ्तर पर पहुंची तो बंद मिला। मनमोहन सिंह संधु ने बताया कि वह पंजाब के समराला के रहने वाले हैं और कारोबारी हैं। मनमोहन परिवार के साथ दुबई सेटल होना चाहते थे। वह अपने कारोबार को दुबई से करने का मन बना चुके थे। कुछ समय पहले उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में फर्म पंजीकरण कराने संबंधी समीर एडवाइजरी मैनजेमेंट नाम की एजेंसी का विज्ञापन देखा। इसमें दो लोगों का नंबर भी दिया गया था। पहले नंबर पर कॉल करने पर तनवीर नाम के व्यक्ति से कारोबारी मनमोहन की बात हुई। सात लाख की डिमांड
तनवीर ने फर्म पंजीकरण कराने और वहीं पर सेटल कराने के नाम करीब सात लाख रुपये का खर्च बताया। सौदा तय होने के बाद तनवीर अहमद और उसके साथी जाहिद खान ने इसी साल 14 जून को दस्तावेज के साथ कारोबारी को नोएडा के सेक्टर तीन स्थित कंपनी के कार्यालय में बुलाया। 21 जून को दोनों ने फिर से दस्तावेज जमा कराए। इस दौरान जाहिद ने दुबई में सेटल कराने के नाम पर पांच लाख 74 हजार रुपए ट्रांसफर करा लिए। दोनों कारोबारी से फोन पर वार्तालाप नियमित अंतराल पर करते रहे। फोन बंद आने पर आए नोएडा
एक माह तक भी काम नहीं होने पर पीड़ित ने संपर्क किया तो दोनों के मोबाइल फोन बंद आने लगे। पीड़ित ने नोएडा कार्यालय आकर गार्ड से जानकारी की तो पता चला कि आरोपी कार्यालय बंद कर चले गए हैं। मनमोहन ने बताया कि उसकी तरह कई पीड़ित कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। आरोपी सभी की रकम लेकर भाग गए हैं। दो महीने के लिए रखे कर्मचारी
आशंका जाहिर की जा रही है कि यह फर्जीवाड़ा सुनियोजित तरीके से एक संगठित गिरोह के सदस्यों द्वारा किया गया है। इस मामले में पुलिस ने तनवीर अहमद और जाहिद खान के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिसकी बिल्डिंग में आरोपियों ने ऑफिस खोला था पुलिस अब उससे भी संपर्क करने का प्रयास कर रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपियों ने कुछ कर्मचारियों को एक दो महीने के लिए भर्ती किया था। विज्ञापन जारी करवाकर सुदूर राज्यों और जिलों में रहने वाले लोगों को नोएडा बुलाया जाता था ताकि वह बार-बार संपर्क न कर सकें।
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