दो पक्षों के बीच हुए विवाद में एक 12 वर्षीय नाबालिग किशोरी की मौत हो गई। इस घटना में किशोरी के पिता, भाई की पत्नी और एक भतीजा भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें प्रयागराज के स्वरूप रानी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह विवाद 19 अक्टूबर 2025 की शाम करीब 8 बजे शुरू हुआ था। रुद्र का पुरवा निवासी रामचंद्र सरोज के अनुसार, गांव का कुंवारे सरोज शराब के नशे में उनकी भाई की पत्नी अमरावती के साथ छेड़खानी कर रहा था, जब वह शौच के लिए बाहर गई थीं। अमरावती के चिल्लाने पर परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे, जिसके बाद कुंवारे सरोज के घर वालों ने गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। सुबह लोगों के समझाने पर रामचंद्र सरोज ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। हालांकि, अगले दिन 20 अक्टूबर 2025 की रात करीब 9 बजे, हरीलाल सरोज, अंकित, प्रदीप, बलदेव, शिवा, अरुण, धर्मेंद्र और चार अन्य लोग कट्टा, कुल्हाड़ी, सरिया और लाठी लेकर रामचंद्र सरोज के घर में घुस गए। उन्होंने जान से मारने की नीयत से परिवार पर हमला कर दिया,हमलावरों ने रामचंद्र सरोज के भतीजे बाले के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे वह बेहोश होकर गिर गया। इसके बाद शिवा और अरुण ने उस पर लाठी-सरिया से भी हमला किया। जब रामचंद्र सरोज अपनी बेटी पूजा (12 वर्ष) के साथ बाले को बचाने दौड़े, तो कुंवारे ने उन पर लाठी से हमला किया, जबकि धर्मेंद्र और अंकित उन्हें पीटने लगे। हरीलाल ने कट्टे से फायर करते हुए जान से मारने की धमकी दी।अपनी बेटी पूजा को बचाने के लिए जब वह अपने पिता के ऊपर लेट गई, तो हरीलाल ने कट्टे की बट से उस पर प्रहार किया, जिससे वह बेहोश होकर गिर गई। हमलावरों ने रामचंद्र सरोज की भाई की पत्नी अमरावती को भी लाठी-डंडों से पीटा। गांव वालों के आने के बाद हमलावर परिवार को अधमरा छोड़कर भागगए। घायल परिवार को तत्काल सीएचसी बाघराय ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद पूजा और बाले को स्वरूप रानी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान पूजा की मौत हो गई। विभिन्न धारा में दर्ज हुआ मुकदमा,