अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम पारुल वर्मा ने उत्तर प्रदेश के निदेशक बेसिक शिक्षा विभाग, लखनऊ को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में प्रतापगढ़ के पब्लिक मोंटेसरी स्कूल, सराय भीमसेन, थाना मांधाता के जब्त अभिलेखों की विभागीय जांच कराने का निर्देश दिया गया है। न्यायाधीश ने जांच के उपरांत विद्यालय की मान्यता रद्द करने जैसी कठोर कार्रवाई करने की सिफारिश की है। साथ ही, अभिलेखों से छेड़छाड़ और कूट रचना करने वाले संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक एवं आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश दिया गया है। न्यायालय को एक माह के भीतर इस कार्रवाई से अवगत कराने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त, न्यायाधीश ने यह भी अपेक्षा की है कि जनपद के सभी विद्यालयों के अभिलेखों का सत्यापन एक अभियान चलाकर सुनिश्चित किया जाए। इसका उद्देश्य यह है कि भविष्य में किसी भी छात्र या छात्रा को शैक्षिक प्रतिकूलता का सामना न करना पड़े। जांच के बाद हुई कार्रवाई यह आदेश फौजदारी अपील मो. रुस्तम बनाम राज्य के निपटारे के दौरान आया है। इस अपील में एक कथित अपचारी (बाल अपराधी) के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को अभिलेखों सहित बुलाया गया था। सत्यापन के दौरान पाया गया कि विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक को कार्य करने का कोई अधिकार प्रदान नहीं किया गया था और वे बिना किसी प्रशिक्षण के ही संबंधित विद्यालय का कार्य देख रहे थे। बाल अपचारी के प्रवेश के समय अभिभावक से जन्म प्रमाण पत्र या आधार कार्ड जैसे कोई अभिलेख प्राप्त नहीं किए गए थे। अभिभावक की सहमति से संबंधित कोई दस्तावेज या उनके हस्ताक्षर भी विद्यालय के अभिलेखों में नहीं पाए गए। बाल अपचारी ने कक्षा एक में 31 जुलाई 2014 को पहली बार प्रवेश लिया था, जबकि विद्यालय के रजिस्टर में जुलाई माह की 1 तारीख को नाग पंचमी का अवकाश दर्शाया गया है। द्वितीय बेला में छात्रों की उपस्थिति दर्ज है, जिसमें बाल अपचारी की उपस्थिति भी शामिल है, जो अभिलेखों में हेरफेर का संकेत देता है।