उच्चतम न्यायालय के शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) अनिवार्यता संबंधी निर्णय से प्रदेश भर के लाखों शिक्षक प्रभावित हुए हैं। इस निर्णय के प्रभाव से सेवारत शिक्षकों को बचाने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, कौशांबी ने रविवार को सांसद को ज्ञापन सौंपा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह की अगुवाई में शिक्षकों ने कौशांबी सांसद पुष्पेन्द्र सरोज के प्रयागराज स्थित आवास पर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। संघ प्रदेश के सभी लोकसभा सांसदों के माध्यम से यह ज्ञापन प्रधानमंत्री तक भेज रहा है। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार, सभी सेवारत शिक्षकों के लिए उनकी नियुक्ति की तिथि चाहे जो भी हो, TET अनिवार्य कर दिया गया है। उन्हें आगामी दो वर्षों में यह परीक्षा पास करनी होगी, अन्यथा उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इस निर्णय से देश भर के लाखों शिक्षकों की सेवा-सुरक्षा और आजीविका पर संकट आ गया है। जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि इस निर्णय से उत्तर प्रदेश में वर्ष 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों की सेवा भी असुरक्षित हो गई है। उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख से अधिक शिक्षक, 1.40 लाख शिक्षामित्र और अनुदेशक इस फैसले से गहरी चिंता और असमंजस में हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि इस निर्णय का प्रभाव उत्तर प्रदेश में आरटीई अधिसूचना 29 जुलाई 2011 को लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर लागू न किया जाए। संघ ने लाखों शिक्षकों को सेवा समाप्ति या आजीविका संकट से बचाने के लिए आवश्यक नीतिगत या विधिक कदम उठाने का आग्रह किया है।