फतेहपुर जिले के बिंदकी तहसील के गंगा कटरी में बाढ़ की चपेट में आए गांव की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। तेज धूप मे टेंट मे रहने में परेशानी हो रही है। हालांकि गंगा के जलस्तर में 2 सेंटीमीटर गिरावट दर्ज की गई।16 नाव 32 नाविकों की तैनाती की गई है। पांच गाँव बिंदकी फार्म,जाड़े का पुरवा,बेनीखेड़ा,मदारपुर,सदनहा टापू बन चुके है। इन गाँवो में चारो ओर पानी भर गया है। तहसीलदार अचलेश सिंह हर समय यही मौजूद है। सबसे अधिक प्रभावित होने वाले गांव में बिंदकी फॉर्म और वेरीनारी हैं। यहां सबसे अधिक लोगों को बाढ़ राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी है। ग्राम प्रधान आशापुर ओमनारायण कश्यप व अभयपुर प्रधान रामदास निषाद ने व्यवस्था संभाल रखी है। देखिए बाढ की 9 तस्वीरें.. राहत केंद्र में प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को खाने का इंतजाम तो किया पर मवेशियों के लिए चारे का संकट बना हुआ है।वेरीनारी और सदनहा गांव से भी परिवारों का पलायन जारी है।बाढ़ शिविर महुआ घाटी में पहुंचने वाले परिवारों के लिए प्रशासन की ओर से रसोई संचालित की गई है। आशापुर पंचायत भवन से बनाकर सुबह के नाश्ते में पोहा व दलिया और बच्चों को दूध केला दाल रोटी सब्जी चावल दिया जा रहा है।शाम को फिर पूरी सब्जी के साथ मिष्ठान दिया जाता है।बाढ़ सिविर में आए बिंदकी फॉर्म गांव के योगेंद्र पाल ने बताया कि शिविर में अभी तक प्रशासन ने टेंट बनाने के लिए पॉलिथीन तक नहीं दी है अपने फटी पुरानी पॉलिथीन लगाकर ही टेंट बनाया है अधिक धूप में परेशानी होती है। बाढ़ शिविर में पहुंचे जिलाधिकारी रविंद्र सिंह से ग्रामीणों ने फसल बर्बादी पर मुआवजे की मांग किया।इस पर डीएम ने कहा कि नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने बाढ़ शिविर केंद्र टेंट बढ़ाने,साफ सफाई के निर्देश दिए।गंगा 100.86 मी खतरे के निशान पर से जलस्तर 101.17 मी बह रहा है। मंगलवार की देर शाम 2 सेंटीमीटर पानी कम हुआ है।जिलाधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया बाढ़ शिविर महुआ घाटी में अब तक चार गांव से पचासी परिवार पहुंच चुके हैं।400 शरणार्थियों की संख्या इस समय बाढ़ राहत सिविर में है।जिन विद्यालयो मे बाढ़ से खतरा है बेसिक शिक्षा विभाग से बात की गई है।पास के विद्यालयों मे पढ़ाया जा रहा।