यूपी एसटीएफ ने फर्जी होम लोन कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी मिलकर लोगों को बैंक से होम लोन दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते थे। पूछताछ में दोनों ने कबूल किया है कि वे अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। गिरफ्तारी एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ से शनिवार देर रात करीब 10 बजे हुई। दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां प्रथम दृष्टया अपराध साबित होने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बीबी खेड़ा आवास विकास कॉलोनी पारा निवासी विनय कुमार श्रीवास्तव और राजाजीपुरम तालकटोरा निवासी दीपक रावत पुत्र रामनारायण के रूप में हुई। बरामदगी में मिला ठगी का पूरा जखीराएसटीएफ टीम ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए। इनमें 5 मोबाइल फोन, 7 एटीएम कार्ड, 4 पैन कार्ड, 3 आधार कार्ड, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, 1 डेस्कटॉप (फर्जी दस्तावेज बनाने में इस्तेमाल), 103 लोन प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों की छायाप्रति, 28 हस्ताक्षरित चेक और 1 बिना नंबर की मोटरसाइकिल बरामद हुई है। ऐसे जाल में फंसाते थे शिकारएसटीएफ के अनुसार, आरोपी विनीत और दीपक अपने साथियों अभिषेक सोनी और अमित रस्तोगी के साथ मिलकर उन लोगों को निशाना बनाते थे जिन्हें मकान खरीदने के लिए होम लोन की जरूरत होती थी।वे खुद को ‘आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड’ से जुड़ा बताते थे और ग्राहकों को भरोसे में लेकर उनसे दस्तावेज व पैसे वसूलते थे। लोन फाइल तैयार कराने के नाम पर 11 हजार रुपये नकद और 10 हजार रुपये ऑनलाइन वसूले जाते थे। बाद में फर्जी लोन अप्रूवल लेटर व डिमांड ड्राफ्ट दिखाकर लाखों रुपये कमीशन, रजिस्ट्री और कोर्ट फीस के नाम पर ऐंठ लेते थे।जांच में सामने आया कि गिरोह फर्जी यस बैंक की डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) बनाकर शिकारों को भेजता था, जबकि बैंक में पूछताछ करने पर वे पूरी तरह फर्जी साबित हुईं। एसटीएफ की सतर्कता से खुली पोलअभियान की निगरानी पुलिस उपाधीक्षक अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में निरीक्षक संतोष कुमार सिंह की टीम ने की। टीम में उपनिरीक्षक पवन कुमार सिंह, मुंशी रमाशंकर चौधरी, चेतन सिंह, राघवेंद्र तिवारी और आरक्षी सुधीर कुमार शामिल रहे। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि गिरोह ने फर्जी लोन के जरिए अब तक करोड़ों रुपये की ठगी की है। एसटीएफ अब इनके बैंक खातों, वॉलेट और नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।