बरेली में कुतुब-ए-बरेली सरकार हजरत शाहदाना वली के सात दिवसीय उर्स का आगाज हुआ। दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी ने परचम कुशाई की रस्म अदा की। मलूकपुर स्थित लाल मस्जिद से हाजी अज़हर बेग के निवास से जुलूस-ए-परचम निकाला गया। जुलूस दरगाह शाहदाना वली तक पहुंचा। रास्ते में अकीदतमंदों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। जुलूस दरगाह आला हज़रत को सलामी देते हुए बिहारीपुर ढाल, खलील तिराहा, नावेल्टी चौराहा होकर दरगाह पहुंचा। दरगाह के मुतवल्ली अब्दुल वाजिद खान नूरी ने शाहदाना वली के दर को कौमी एकता का प्रतीक बताया। अंजुमन आशिकाने साबिर पाक के नेतृत्व में निकले जुलूस में छह से अधिक अंजुमनों ने हिस्सा लिया। सय्यद चमन अली परचम लेकर आगे चल रहे थे। हाजी अज़हर बेग ने सभी मेहमानों का दस्तारबंदी से स्वागत किया। रात को नातिया मुशायरे का आयोजन हुआ। सूफी रिज़वान रज़ा खां की अध्यक्षता में देशभर के शायरों ने अपने कलाम पेश किए। अनवर बेग, फैजान बेग, इशरत नूरी समेत कई वालंटियरों ने कार्यक्रम की व्यवस्था संभाली।