बरेली की एक अदालत ने 10 साल पुराने दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी अलग-अलग धाराओं में कारावास और अर्थदंड दिया गया है। यह घटना 31 मई 2015 की रात शीशगढ़ थाना क्षेत्र के धर्मपुरा गौटिया गांव में हुई थी। वादिनी चम्पा देवी ने बताया कि रात करीब 11:30 बजे जब वह घर पर अकेली थीं, तभी गांव के नकी रजा पुत्र सफीरजा ने उनके घर में घुसकर दुष्कर्म किया। शोर मचाने पर पड़ोसियों ने नकी रजा को पकड़ लिया था, लेकिन उसके भाई दानिश, अखिया उर्फ असीरजा और आरिफ ने मारपीट कर उसे छुड़ा लिया और पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी। इस संबंध में शीशगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। लगभग एक दशक तक चले इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने 12 गवाह पेश किए। इन बयानों और साक्ष्यों के आधार पर एफटीसी कोर्ट बरेली ने मुख्य आरोपी नकी रजा को दोषी पाया। अदालत ने नकी रजा को धारा 376 में 10 वर्ष का कठोर कारावास और ₹5,000 का अर्थदंड सुनाया। इसके अतिरिक्त, उसे धारा 450 में 7 वर्ष का कारावास और ₹2,000 का अर्थदंड तथा धारा 506 भादवि में 2 वर्ष का कारावास और ₹2,000 का अर्थदंड भी दिया गया। वहीं, सह-अभियुक्त दानिश, अखिया उर्फ असीरजा और आरिफ को भी दोषी ठहराया गया। उन्हें धारा 506 भादवि में 2-2 वर्ष का कारावास और ₹2,000-2,000 का अर्थदंड तथा धारा 225 में 1-1 वर्ष का कारावास और ₹1,000-1,000 का अर्थदंड सुनाया गया। अदालत ने कुल ₹18,000 का अर्थदंड निर्धारित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक दोषी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।