बलरामपुर जिले में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए गुरुवार को व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह अभ्यास कराया गया। जिले की तीनों तहसीलों में यह ड्रिल आयोजित की गई। बलरामपुर तहसील में सिसई घाट, तुलसीपुर में लौकहवा और उतरौला में पीडीया खुर्द को इसके लिए चुना गया। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य प्रशासन की तैयारियों की जांच और आमजन को आपदा से निपटने के लिए जागरूक करना है। इस मॉक ड्रिल में स्वास्थ्य, राजस्व, पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें शामिल हुईं। ड्रिल के दौरान तीन परिस्थितियों का अभ्यास किया गया। पहली स्थिति में सिसई घाट पर नाव पलटने की सूचना पर एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने बचाव कार्य किया। डूबते लोगों को निकालकर सीएचसी में भर्ती कराया गया। दूसरी स्थिति में टापू पर फंसे पांच लोगों को सुरक्षित निकाला गया। तीसरी स्थिति में राप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ की चेतावनी पर कार्रवाई की गई। प्रशासन ने गांव में मुनादी कराकर लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया। वहां उनके और मवेशियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इस मॉक ड्रिल में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बलरामपुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है और हर साल इसका कुछ हिस्सा बाढ़ से प्रभावित होता है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने यह पूर्वाभ्यास कराया।