बांके बिहारी का खजाना:3 घंटे चली कवायद,न्यायिक,प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रहे मौजूद

Oct 19, 2025 - 06:00
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बांके बिहारी का खजाना:3 घंटे चली कवायद,न्यायिक,प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रहे मौजूद
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन के लिए गठित हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में गर्भ गृह के बराबर में बंद पड़े कमरे को खोलने के लिए निर्णय के बाद शनिवार को इसे खोला गया। बांके बिहारी जी के तोशखाना के नाम से बना यह कमरा 54 साल से बंद था। तोशखाना को खोलने और इसमें पड़े सामान की जांच करने में अधिकारियों को 3 घंटे का समय लगा। दोपहर डेढ़ बजे शुरू हुई प्रक्रिया बांके बिहारी का तोशखाना खोलने का समय 1 बजे निर्धारित किया गया था ,लेकिन प्रक्रिया डेढ़ बजे शुरू हुई। सबसे पहले कमेटी के सदस्य और मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने तोशखाना के गेट के बहार दीपक जलाया। इसके बाद इसमें लगे तालों को ग्राइंडर मशीन की मदद से काटा गया। करीब 10 मिनट की कवायद के बाद तोशखाना का गेट खुल पाया। धूल का गुबार और अँधेरा था कमरे में 54 साल से बंद पड़े तोशखाना का जैसे ही गेट खुला उसमें मलबा और मिट्टी भरी दिखाई दी। जिसकी बजह से वहां धूल का गुबार छा गया। अंधेरे के बीच किसी तरह मंदिर के कर्मचारियों ने वहां से मिट्टी हटाई और वहां रौशनी की गयी। इसके बाद शुरू हुई तहखाने में जाने के लिए बने रास्ते की तलाश। करीब 45 मिनट की साफ़ सफाई के बाद दूसरा रास्ता दिखाई दिया। कड़ी मशक्कत के बाद खुला दूसरा दरवाजा लंबे समय से बंद पड़े तोशखाना के दूसरे गेट को खोलने के लिए कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। ग्राइंडर और बेल्डिंग मशीन की मदद से दूसरे दरवाजे को खोला गया तो वहां एक 2 फीट * 4 फीट का लकड़ी का बक्सा मिला। जिसमें कुंडे नहीं थे। खोलने पर वह बक्सा खाली था। इसके साथ ही एक बड़ा कलशा मिला। जिसके बारे में बताया गया कि यह उस समय बांके बिहारी जी के समक्ष रखा जाता था। जिसमें भक्तों द्वारा दान की जाने वाली भेंट राशि डाली जाती थी। तोशखाना में मिले सांप के बच्चे तोशखाना में तलाशी के दौरान कर्मचारियों को 2 घंटे बाद सांप के बच्चे दिखाई दिए। जिसे देख वहां हड़कंप मच गया। सांप के बच्चों को पकड़ने के मौके पर मौजूद वन विभाग की टीम को बुलाया गया। वन विभाग के कर्मचारियों ने दोनों सांप के बच्चों को पकड़ लिया और डिब्बे में बंद कर अपने साथ ले गए। इसके बाद टीम ने फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। टीम को मिला बक्सा सर्च ऑपरेशन के दौरान टीम को एक बक्सा मिला। जिसे खोलने पर उसमें एक 2 फरवरी 1970 का पुराना अख़बार और कुछ ज्वैलरी के बॉक्स मिले। न्यायिक,प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को उम्मीद जगी कि शायद कुछ होगा। इसके बाद जब एक एक कर बॉक्स खोले तो सभी खाली थे। 3 हार के और 2 चूडिय़ों के बॉक्स में कुछ नहीं निकला। यहां एक छोटा सा चांदी का छत्र जरूर टीम को मिला। 3 घंटे बाद दोबारा सील किया तोशखाना दोपहर डेढ़ बजे शुरू हुआ अभियान शाम साढ़े 4 बजे तक चला। इसके बाद मंदिर खुलने का समय होने के कारण अभियान को रोक दिया और जो सामान मिला था उसे वहीं रख कर तोशखाना के गेट को बेल्डिंग मशीन की मदद से बंद कर दिया गया। अब आगे सर्च ऑपरेशन कमेटी द्वारा दिए जाने वाले निर्णय के बाद शुरू होगी। तिजोरी और दस फीट के बॉक्स को खुलने का है इंतजार शनिवार को तोशखाना के सर्च ऑपरेशन को रोके जाने के बाद कमेटी के सदस्य और मंदिर के राजभोग सेवा अधिकारी शैलेंद्र गोस्वामी ने बताया अभी प्रक्रिया रोक दी गयी है लेकिन इसे आगे बढ़ाने के लिए कमेटी द्वारा निर्णय लेने के बाद आगे बढ़ाया जायेगा। शैलेंद्र गोस्वामी ने बताया करीब धरातल से 15 फीट नीचे तहखाना होने की संभावना है। एक तिजोरी और करीब 10 फीट लंबा बॉक्स दिखाई दिया है लेकिन उनको खोला नहीं गया। तिजोरी और बॉक्स को खोलने के बाद पता चलेगा उनमें क्या है। यह रहे मौजूद तोशखाना खोलने की प्रक्रिया के दौरान सिविल जज शिप्रा,अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व पंकज वर्मा,एस पी सिटी राजीव कुमार सिंह,सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार,सीओ सदर संदीप सिंह,कमेटी के गोस्वामी सदस्यों के अलावा पुरातत्व विभाग,वन विभाग,स्वास्थ्य विभाग,दमकल के अधिकारियों के साथ साथ मंदिर के प्रबंधक मुनीश कुमार मौजूद रहे।

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