पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR को लेकर बीजेपी नेता दिलीप घोष ने दावा किया कि SIR शुरू होने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठिए देश से भाग रहे हैं , जबकि TMC इस पर नाटक कर रही है ताकि उन्हें बचाया जा सके। घोष ने कहा कि पिछले दो महीने से हम देख रहे हैं कि जैसे-जैसे SIR की प्रक्रिया तेज हो रही है, बांग्लादेशी घुसपैठिए भागने लगे हैं। उन्हें डर है कि जेल में डाल दिया जाएगा। लेकिन यह प्रक्रिया शांति से पूरी होगी। कुछ टीएमसी के गुंडे इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं, पर ऐसा नहीं हो पाएगा। टीएमसी फैला रही झूठी बातें-दिलीप घोष जमालपुर में SIR की वजह से प्रवासी मजदूरों की मौत की खबरों पर दिलीप घोष ने कहा कि यह सब टीएमसी का झूठा प्रचार है। SIR की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है। कुछ लोगों को पैसे देकर झूठ बुलवाया जा रहा है। TMC- डर और नफरत की राजनीति से हो रही मौतें वहीं टीएमसी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि SIR की वजह से राज्य में डर और अफरा-तफरी का माहौल बना है। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पोस्ट में लिखा कि एक और बेशकीमती जान गई बीजेपी की डर और नफरत की राजनीति की भेंट चढ़कर। नबाग्राम (जमालपुर) के प्रवासी मजदूर बिमल संत्रा की मौत इसका ताजा उदाहरण है। टीएमसी ने आगे कहा कि SIR एक ऐसा हथियार बन गया है जो लोगों में डर पैदा कर रहा है, उन्हें उनकी नागरिकता और अपने वजूद पर शक करने पर मजबूर कर रहा है। बीजेपी के हाथ खून से सने हैं। बंगाल की जनता इंसाफ जरूर मांगेगी। ECI की घोषणा 12 राज्यों में चलेगा SIR इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने घोषणा की है कि SIR का दूसरा चरण देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चलाया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।नीचे देखें 12 राज्यों की लिस्ट जहां SIR होगा ------- ये खबर भी पढ़िए... TMC का आरोप-SIR के डर ने एक और जान ली:BJP के हाथ खून से रंगे, तमिलनाडु में मरने वाले मजदूर को गैर-नागरिक घोषित किए जाने की चिंता थी पश्चिम बंगाल में SIR पर राजनीति लगातार गरमा रही है। शनिवार रात तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दावा किया कि पूर्व बर्दवान जिले के एक और व्यक्ति की मौत SIR के डर से हुई है। TMC ने इसे लेकर कहा कि बीजेपी के हाथ खून से रंगे हैं। चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे भय और नफरत की सियासत का नतीजा बताया है। पढ़ें पूरी खबर...