मऊ जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में संयुक्त किसान मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के बैनर तले किसानों ने बेमौसम बारिश से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे और बिजली के निजीकरण व स्मार्ट मीटर के विरोध में प्रदर्शन किया। किसानों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा। किसानों का कहना है कि बेमौसम तूफानी बारिश के कारण मऊ जनपद में धान, अरहर, चना, सरसों और आलू की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। किसान राम कुमार भारतीय ने बताया कि बुवाई कर चुके किसानों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से मांग की है कि किसान के खेत को इकाई मानकर फसलों का सर्वे कराया जाए और किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। इसके अतिरिक्त, किसानों ने बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटर लगाने की अनिवार्यता का भी विरोध किया। उनका आरोप है कि नए कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर के नाम पर 6 हजार रुपए जमा कराए जा रहे हैं, जबकि मीटर लगाने की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए। किसान नेता वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में चार दिनों की लगातार भारी बारिश से किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने कहा कि किसान पहले से ही खाद और कीटनाशक के आसमान छूते दामों से परेशान हैं, ऐसे में फसलों का उचित मुआवजा न मिलना उनकी समस्याओं को और बढ़ा रहा है। इस प्रदर्शन के दौरान वीरेंद्र कुमार, हरिलाल, जयप्रकाश यादव और दीनानाथ मौर्य सहित कई अन्य किसान मौजूद रहे।