बैंक कस्टमर अब अपने खाते में चार नॉमिनी जोड़ पाएंगे और ये भी तय कर पाएंगे कि किसे कितना हिस्सा मिलेगा और किसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी। ग्राहक अपनी सुविधा के हिसाब से खाते में एक-एक करके या चारों नाम एक ही साथ जोड़ पाएंगे। सरकार ने बैंकिंग सिस्टम में क्लेम के एक समान और आसान निपटारे के लिए ये व्यवस्था शुरू की है। सेफ कस्टडी में रखी चीजों और सेफ्टी लॉकर्स के लिए सिर्फ एक्सेसिव नॉमिनेशन यानी एक के बाद एक नाम नॉमिनेट करने की इजाजत होगी। आज यानी गुरुवार (23 अक्टूबर) को वित्त मंत्रालय ने बताया कि बैंकिंग लॉज (अमेंडमेंट) एक्ट, 2025 के नॉमिनेशन से जुड़े मुख्य नियम 1 नवंबर से लागू होंगे। ये एक्ट 15 अप्रैल 2025 को नोटिफाई हुआ था। सरकार बोली- इससे निपटारा और उत्तराधिकार में क्लेरिटी रहेगी मंत्रालय ने कहा, ‘ग्राहक चार नॉमिनी बना सकते हैं और हर नॉमिनी का हिस्सा या प्रतिशत तय कर सकते हैं। इससे सभी नॉमिनी के बीच ट्रांसपैरेंट बंटवारा होगा। जो लोग डिपॉजिट, सेफ कस्टडी में सामान या लॉकर रखते हैं, वो चार नॉमिनी बना सकते हैं। अगर ऊपर वाला नॉमिनी नहीं रहा, तो अगला नॉमिनी काम करेगा। इससे निपटारा और उत्तराधिकार में क्लेरिटी रहेगी। अगले महीने से लागू हो रहे बैंकिंग कंपनियां (नॉमिनेशन) नियम 2025 में नॉमिनेशन बनाने, रद्द करने या एक से ज्यादा नॉमिनी तय करने के लिए प्रोसेस औरस फॉर्म होंगे जल्द जारी होंगे।' इन बदलाव से आम आदमी को क्या मिलेगा? नॉमिनी का मतलब क्या है? नॉमिनी का मतलब वह व्यक्ति है, जिनका नाम बैंक खाते, निवेश या बीमा में नॉमिनी के तौर पर जुड़ा होता है और संबंधित व्यक्ति के अचानक निधन पर वह निवेश राशि क्लेम करने का हकदार होता है। मृत्यु के बाद नॉमिनी पैसों को क्लेम करेगा, लेकिन राशि नॉमिनी को तभी मिलेगी, जब उसमें कोई विवाद न हो। अगर मरने वाले के उत्तराधिकारी हैं, तो वे अपने हक के लिए उस राशि के लिए दावा कर सकते हैं। ऐसे में उसे राशि या प्रॉपर्टी के हिस्से सभी कानूनी वारिसों में बराबर बंटेंगे। ----------------------- ये खबर भी पढ़ें... 1. बैंकों को 15 दिन में करना होगा क्लेम सेटलमेंट: नहीं तो मृतक के नॉमिनी को मुआवजा देना होगा; सावल-जवाब में जानें RBI के नए नियम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्लेम सेटलमेंट के नियमों को रिवाइज किया है। नए नियमों के मुताबिक बैंकों को अपने मृतक ग्राहक के बैंक अकाउंट या लॉकर के क्लेम को 15 दिन में सेटल करना होगा। अगर, इसमें देरी हुई तो नॉमिनी को मुआवजा देना होगा। पूरी खबर पढ़ें... 2. अनक्लेम्ड एसेट्स के लिए सेंट्रालाइज्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म की मांग: SC ने सरकार-RBI से जवाब मांगा; बैंकों से म्यूचुअल फंड्स तक में ₹3.5 लाख करोड़ अनक्लेम्ड फंड सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार और कई वित्तीय नियामकों से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें मांग की गई है कि एक सेंट्रालाइज्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाए। इस प्लेटफॉर्म पर लोग अपने सभी वित्तीय एसेट्स - चाहे वे एक्टिव हों, इनएक्टिव हों या अनक्लेम्ड हों, इन सभी को एक साथ देख सकें। पूरी खबर पढ़ें...