सीएम एवं उनके ओएसडी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले भाजपा विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेंद्र पाल सिंह को कोर्ट से जमानत मिल गई है। एक से दो दिन में उनकी जेल से रिहाई हो सकती है। जेल जाने के बाद भोलेंद्र ने अपनी गलती मानी थी और सीएम पर भरोसा जताया था। अभद्र टिप्पणी के मामले में उनपर 3 थानों में 7 एफआईआर दर्ज हुई थी। कोर्ट से उन्हें गुरुवार को जमानत दी गई। भोलेंद्र पाल सिंह, विधायक के मझले भाई हैं। 28 अगस्त की रात उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर हंगामा मचा दिया था। उन्होंने इस पोस्ट में प्रदेश के सीएम व उनके ओएसडी पर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने सैंथवारों के नेता रहे स्व. केदार सिंह की प्रतिमा को चर्चित जमीन से हटाने की चर्चा के बीच यह पोस्ट की थी। 36 घंटे में दर्ज हो गए थे 7 मामले 36 घंटे के भीतर भोलेंद्र पर 7 मामले दर्ज हो गए थे। ये मामले थाना रागढ़ताल, चिलुआताल व पिपराइच में दर्ज कराए गए। टिप्पणी भाजपा के ग्रामीण विधायक को लेकर भी की गई थी। एक मामला आबकारी एक्ट के तहत लिखा गया था। आबकारी टीम को उनके ईंट भट्ठे से कच्ची शराब मिली थी। जिसको लेकर पिपराइच थाने में केस दर्ज कराया गया था। सपा के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से किया था इनकार
सपा का एक प्रतिनिधि मंडल जेल में भोलेंद्र पाल सिंह से मिलने आने वाला था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय की अगुवाई में यह प्रतिनिधि मंडल गठित किया गया था। सपा के दो सांसद रामभुआल निषाद और रामप्रसाद चौधरी भी इसमें शामिल रहे। लेकिन इससे पहले ही भोलेंद्र ने जेल से जेलर व डीएम को पत्र लिखकर किसी भी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इनकार कर दिया था। छोटे भाई ने की पुष्टि
भोलेंद्र पाल सिंह का अपने विधायक भाई महेंद्रपाल सिंह से कोई संबंध नहीं है। जेल में उन्होंने जिन लोगों से मिलने के लिए नाम गिनाए थे, उनमें भी विधायक का नाम शामिल नहीं था। भोलेंद्र के छोटे भाई रामशंकर सिंह ने उन्हें जमानत मिलने की पुष्टि की है। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भोलेंद्र जेल से रिहा हो जाएंगे। सैंथवार समाज की नाराजगी कम होगी स्व. केदार सिंह के प्रकरण के बीच भोलेंद्र पाल सिंह पर हुई कार्रवाई से सैंथवार समाज के लोगों में कुछ नाराजगी देखी गई। लेकिन स्व. केदार सिंह की प्रतिमा को अन्यत्र स्थापित करने और भोलेंद्र को जमानत मिल जाने से इस समाज के लोगों की नाराजगी कुछ कम हुई है।