मऊ के दशई पोखरा मैदान में आज विजयादशमी पर्व पर रावण दहन का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम शाम 6 बजे होगा, जिसमें लगभग 25 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इस पारंपरिक आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है। शहर में रामलीला की परंपरा करीब 500 वर्ष पुरानी मानी जाती है। यह रामलीला किसी एक स्थान पर नहीं, बल्कि पूरे शहर में विभिन्न जगहों पर मंचित की जाती है। इतिहासकारों के अनुसार, मुगल शासक औरंगजेब की बहन जहांआरा भी इस रामलीला की दर्शक रही हैं। मऊ की रामलीला धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक समरसता का जीवंत प्रतीक है। रावण दहन के साथ रामलीला का समापन होता है, जिसे 'दशई का पोखरा' पर भव्य तरीके से मनाया जाता है। लोगों में इस परंपरागत आयोजन को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। रावण का पुतला बाहर से मंगवाया जाता है और इस वर्ष यह 25 फीट का है। कार्यक्रम की तैयारियों को देखते हुए, नगरपालिका की ओर से मैदान में लगातार साफ-सफाई की जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। वहीं, सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस-प्रशासन ने भी कमर कस ली है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और सीओ सिटी के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी व जवान पूरे इलाके में मुस्तैद रहेंगे। सफाई नायक अली अहमद ने बताया कि दशई पोखरा में रावण दहन सैकड़ों साल से होता आ रहा है। उन्होंने कहा कि यहां की रामलीला पूरे उत्तर प्रदेश में नंबर एक की रामलीला मानी जाती है। रावण दहन की तैयारी 10 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है और मऊ नगर पालिका का पूरा स्टाफ मेले को सफल बनाने के लिए काम कर रहा है। आज लाखों की भीड़ मेले में इकट्ठा होने की संभावना है।