मथुरा के बलदेव क्षेत्र में हुई लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। गांवों में खेत पूरी तरह पानी से लबालब भरे पड़े हैं, जिससे धान की फसल जमीन पर गिर चुकी है। किसानों का कहना है कि लगभग 40 प्रतिशत नुकसान हो चुका है और आगे और अधिक फसल खराब होने की आशंका है। कपास और चारे की भी भारी क्षति हुई है, लेकिन अब तक न तो कोई सर्वे हुआ है और न ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जिला महासचिव लेखराज का आरोप है कि जिलाधिकारी महावन क्षेत्र के किसानों की पीड़ा से पूरी तरह अनजान हैं। तहसील के अधिकारी भी महज खानापूर्ति कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि लेkhpal गांवों में सर्वे के लिए नहीं पहुंचते और न ही पानी निकासी की व्यवस्था की जा रही है। एसडीएम द्वारा कई बार आदेश दिए जाने के बावजूद नेहरू भाग वाले विभाग ने भी ध्यान नहीं दिया, जिससे खेतों और गांवों में पानी निकासी नहीं हो पा रही है। किसानों का आरोप है कि तहसील में उद्योगपति और पैसे वाले लोग जाते हैं तो उनकी तुरंत सुनवाई होती है, लेकिन किसान दरवाजे पर जाकर भी अनसुना कर दिया जाता है। किसान यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रशासन ने सर्वे शुरू कर नुकसान का आकलन कर मुआवजा नहीं दिया तो तहसील के अधिकारियों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी आवाज नहीं सुनी गई तो पुतला दहन कर विरोध तेज किया जाएगा।