महोबा जिला अस्पताल में प्रशासनिक व्यवस्थाओं और सुरक्षा गार्ड की तैनाती के दावों के बावजूद शुक्रवार को अव्यवस्था सामने आई। इमरजेंसी वार्ड के गेट पर जाम लगने के कारण एक एंबुलेंस भीतर नहीं जा सकी। इस घटना के चलते एम्बुलेंस में फंसे मरीज की हालत बिगड़ गई। इलाज में देरी के कारण उसे लकवा मार गया। जानकारी के अनुसार, चरखारी निवासी नत्थू अपनी मां सरस्वती देवी को गंभीर हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल के इमरजेंसी गेट पर वाहनों का अत्यधिक जाम था, जिससे एंबुलेंस को अंदर जाने का रास्ता नहीं मिल पाया। परिजनों ने मजबूरन स्ट्रेचर के सहारे मरीज को गेट से अंदर पहुंचाने की कोशिश की। लेकिन भीड़ और अव्यवस्थित वाहनों के कारण उन्हें वार्ड तक पहुंचने में काफी देर हो गई। इस बीच, मरीज सरस्वती देवी की तबीयत और अधिक बिगड़ गई और उन्हें लकवा मार गया। पीड़ित नत्थू ने बताया कि अस्पताल परिसर में अक्सर ऐसी स्थिति बनती है। गेट पर गलत पार्किंग और जाम के कारण एम्बुलेंस को समय पर रास्ता नहीं मिल पाता। उन्होंने जिला अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि गार्ड तैनात होने के बावजूद गेट पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। एम्बुलेंस चालक और मेडिकल टेक्नीशियन (एमटी) ने भी इस बात की पुष्टि की कि इमरजेंसी वार्ड के मुख्य गेट पर गार्ड की मौजूदगी के बावजूद वहां हमेशा अव्यवस्था बनी रहती है। उन्होंने बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल में पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने के कारण मरीजों और तीमारदारों को प्रतिदिन भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों ने मांग की है कि अस्पताल गेट पर स्थायी रूप से यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं में देरी न हो और किसी की जान खतरे में न पड़े।