मेरठ पुलिस ने "ऑपरेशन साइबर क्लीन" अभियान के तहत एक अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह प्रधानमंत्री जनधन योजना के नाम पर देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी में संलिप्त था। पुलिस ने मुख्य आरोपी अलाउद्दीन, निवासी बिजली बंबा, लोहियानगर, मेरठ सहित उसके कई साथियों के खिलाफ कार्रवाई की है। पुलिस जांच में सामने आया कि अलाउद्दीन और उसके साथी भोले-भाले लोगों को प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 15 हजार रुपये प्रतिमाह मिलने का लालच देते थे। वे इन लोगों के नाम पर बैंक खाते खुलवाते थे और फिर खातों की पासबुक, चेकबुक तथा एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते थे। ठगी की रकम को चोरी या फर्जी सिम कार्ड से बनाई गई नई यूपीआई आईडी के माध्यम से विभिन्न खातों से निकालकर हड़प लिया जाता था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 7 चेकबुक, 11 एटीएम कार्ड, 8 पासबुक, पैन कार्ड और आधार कार्ड बरामद किए। जिम्स (JCCT) पोर्टल पर हुई जांच से पता चला कि इन खातों के खिलाफ महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से शिकायतें दर्ज थीं। पुलिस के अनुसार, अलाउद्दीन ने उत्तर प्रदेश में लगभग 22 लाख रुपये और अन्य राज्यों में करीब 19 लाख रुपये की साइबर ठगी की है। मुख्य आरोपी अलाउद्दीन के खिलाफ देशभर में 9 से अधिक मामले दर्ज हैं। गोरखपुर, अयोध्या, मुरादाबाद, बरेली, जयपुर और मुंबई जैसे शहरों में भी शिकायतें शामिल हैं। इस गिरोह के कुछ सदस्य वर्तमान में विभिन्न जेलों में बंद हैं। मेरठ पुलिस ने इस पूरे गिरोह का आपराधिक इतिहास सार्वजनिक करते हुए बताया कि यह गैंग देश के कई राज्यों में सक्रिय था और अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई साइबर अपराध पर एक बड़ी चोट है और आने वाले दिनों में ऐसे गिरोहों पर कड़ी निगरानी तथा सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।