यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष का इस्तीफा:एक साल में पद छोड़ा, शिक्षक भर्ती लंबी खिंच सकती है

Sep 26, 2025 - 17:00
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यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष का इस्तीफा:एक साल में पद छोड़ा, शिक्षक भर्ती लंबी खिंच सकती है
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय ने इस्तीफा दे दिया। गोरखपुर यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को एक साल पहले 2 सितंबर, 2024 को यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने 25 सितंबर को प्रयागराज स्थित ऑफिस में बैठक भी की थी। कीर्ति पांडेय ने 22 सितंबर को इस्तीफा दिया था, जिसे आज स्वीकार किया गया। अपने इस्तीफे की वजह उन्होंने पर्सनल कारण बताए हैं। यूपी सरकार ने बेसिक शिक्षा से लेकर माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती के लिए 23 अगस्त, 2023 को यह आयोग बनाया था। वहीं, यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के कार्यवाहक उपसचिव डॉ. शिवजी मालवीय को भी 22 सितंबर को हटा दिया गया था। उन्हें 31 मई, 2024 को कार्यवाहक उपसचिव बनाया गया था। मौजूदा समय में 4 पदों पर वर्तमान में 2 उपसचिव केके गिरि और विकास सिंह तैनात हैं। डॉ. शिवजी मालवीय नैनी स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बायोलॉजी के प्रवक्ता रहे हैं। लेकिन, अब उन्हें आगरा के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अटैच कर दिया गया है। यूपी प्रदेश शिक्षा चयन आयोग में हुए इस बड़े बदलाव की वजह से अब शिक्षक भर्ती भी प्रभावित होगी। अब जानिए कौन हैं कीर्ति पांडेय प्रो. कीर्ति पांडेय ने 1982 में बुद्धा पीजी कॉलेज कुशीनगर से ग्रेजुएशन किया था। 1984 में गोरखपुर यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया था। उन्होंने 1992 में प्रो. एसपी नागेंद्र के निर्देशन में अपनी पीएचडी पूरी की थी। प्रो. पांडेय के पास उच्च शिक्षा में शिक्षक के रूप में 40 साल का अनुभव है। प्रो. कीर्ति पांडेय ने 1985 में समाजशास्त्र विभाग में लेक्चरर के रूप में शुरुआत की थी। 1987 में एसवी डिग्री कॉलेज में एजुकेशन सर्विस कमीशन से नियुक्ति हुई। इसके बाद 1988 में गोरखपुर यूनिवर्सिटी में स्थायी लेक्चरर के रूप में नियुक्ति हुई। फिर 2006 में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हो गई। वह जून, 2023 से गोरखपुर यूनिवर्सिटी में डीन (आर्ट्स) के पद पर तैनात थीं। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी ने बताया- 1 सितंबर, 2024 को प्रो. कीर्ति पांडेय को अध्यक्ष पद पर नियुक्ति दी गई थी। प्रो. पांडेय. ने 22 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था। आयोग के प्रावधानों के तहत वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आयोग के सबसे वरिष्ठ सदस्य को अध्यक्ष के रूप में अधिकृत कर दिया गया है। आयोग में एक अध्यक्ष और 12 सदस्य बनाए गए थे शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी भर्ती प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी लाने के मकसद से यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाया गया था। आयोग का हेड ऑफिस प्रयागराज में है। आयोग के गठन के समय दावा किया गया था कि इससे विभिन्न स्तर पर शिक्षक भर्ती का इंतजार जल्द खत्म होगा। सभी वर्ग के शिक्षकों की भर्ती पूरी कराई जा सकेगी। आयोग में 1 अध्यक्ष और 12 सदस्य बनाए गए थे। अध्यक्ष और सदस्य पद संभालने के दिन से 3 साल या 65 साल की उम्र होने तक के लिए तैनात होंगे। कोई भी व्यक्ति 2 बार से ज्यादा अध्यक्ष या सदस्य नहीं बन सकेगा। नए आयोग के गठन पर सबसे ज्यादा निगाहें युवाओं, प्रतियोगी परीक्षार्थियों की लगी थीं। प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक आयोग के गठन और नई भर्तियां जारी करने के लिए आंदोलन भी हुए थे। पेपर लीक के मामले में आउटसोर्स कर्मचारी गया था जेल दरअसल, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में आउटसोर्सिंग कर्मचारी को पेपर लीक का आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद शासन ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के मूल्यांकन में 4 सदस्यीय कमेटी बनाकर परिणाम जारी कर दिया था। हालांकि, यह साफ नहीं हुआ था कि आखिर पेपर लीक कराने में किसका हाथ हो सकता है? युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा- परीक्षा नियंत्रक ने बताया था कि आउटसोर्सिंग कर्मचारी पेपर लिखकर बाहर ले गया था। अगर मूल्यांकन के दौरान कुछ संशय हुआ, तो विचार कर निर्णय लिया जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया। अब प्रतियोगी छात्रों में चर्चा है कि असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। परीक्षा नियंत्रक भी रडार पर अनिल सिंह ने कहा कि आयोग के परीक्षा नियंत्रक पर भी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में आयोग की निर्धारित परीक्षा तिथियों पर कोई भी परीक्षा नहीं हो सकती। प्रतियोगी छात्रों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा, जो बहुत निराशाजनक है। आयोग ने इसके पहले भी टीजीटी-पीजीटी की परीक्षा तिथि 3 बार घोषित कर परीक्षा नहीं करा सका। टीजीटी-पीजीटी का विज्ञापन साल-2022 में जारी किया गया था। इसमें 13 लाख से ज्यादा आवेदन हुए हैं। लेकिन, परीक्षा नहीं हुई। वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर, टीजीटी-पीजीटी के करीब 5000 पदों के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं, लेकिन भर्ती अटकी है। इसके लिए 14 लाख से ज्यादा आवेदक हैं। ----------------- ये खबर भी पढ़ें... राहुल गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका:अमेरिका में सिखों पर टिप्पणी मामले में याचिका खारिज कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है। अब उनके खिलाफ सिखों पर टिप्पणी मामले में वाराणसी कोर्ट में मुकदमा चलेगा। दरअसल, पिछले साल अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी ने कहा था- लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी और कड़ा पहने का अधिकार है। पढ़ें पूरी खबर...

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