रामपुर से सपा सांसद और पार्लियामेंट स्ट्रीट मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्ला नदवी चौथी पत्नी रुमाना नदवी से विवाद के बाद से ट्रोल हो रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि वह रुमाना को हर महीने 30 हजार रुपए गुजारा-भत्ता दें। इसके बाद से नदवी के 5 शादियां करने की चर्चा तेज है। नदवी का आजम खान से भी छत्तीस का आंकड़ा है। दोनों के एक-दूसरे के खिलाफ बयान सुर्खियां बन रहे हैं। आजम के गढ़ से सांसद मोहिबुल्ला नदवी की शादियों को लेकर पूरी कंट्रोवर्सी क्या है पढ़िए… संभल की आफिया से हुई थी पहली शादी
मोहिबुल्ला नदवी रामपुर की तहसील स्वार स्थित गांव रजानगर के रहने वाले हैं। वर्तमान में जामा मस्जिद, पार्लियामेंट हाउस 5-रेसकोर्स रोड नई दिल्ली में रह रहे हैं। मोहिबुल्ला के करीबी बताते हैं कि उनकी पहली शादी संभल की रहने वाली आफिया खातून से हुई थी। शादी के कुछ साल बाद आफिया बीमार रहने लगीं। जांच कराई गई तो पता चला कि कैंसर है। इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। करीब 10 साल साथ रहने के बाद आफिया की मौत हो गई। आफिया से मोहिबुल्ला को 2 बेटियां हैं। 15 दिन भी नहीं चली दूसरी शादी
पहली पत्नी की मौत के बाद मोहिबुल्ला नदवी ने रामपुर के ही शम्सी परिवार की बेटी नजीफा से शादी की। मोहिबुल्ला के एक करीबी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि निकाह के बाद नजीफा घर आई। पहली ही बार जब वह घर से अपने मायके गईं, तो फिर मोहिबुल्ला के पास नहीं लौटीं। इस तरह यह शादी 15 दिन भी नहीं चली। पहली रात ही कर लिया तीसरी पत्नी को छोड़ने का फैसला
मोहिबुल्ला इसके बाद दिल्ली चले गए और वहीं रहने लगे। यहां उनके दोस्तों ने उन्हें शादी का मशविरा दिया। बुलंदशहर की एक लड़की से शादी करा दी। मोहिबुल्ला के एक करीबी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शादी के बाद जब दुल्हन घर आई, तो पहली रात ही दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया। साल- 2012 में हुई चौथी शादी
मोहिबुल्ला नदवी की चौथी शादी 22 अक्टूबर, 2012 को आगरा की रुमाना परवीन के साथ हुई। रुमाना की भी ये दूसरी शादी थी। ये शादी करीब साढ़े 3 साल चली। रुमाना बताती हैं- मेरी बड़ी बहन की रिश्तेदारी में सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी का आना-जाना था। मोहिबुल्ला की पहली पत्नी की मौत हो चुकी थी। वह दूसरी शादी करना चाहते थे। मेरे रिश्तेदार से अच्छा रिश्ता ढूंढने के लिए कहा था। बड़ी बहन के रिश्तेदार ने मेरे बारे में उन्हें बताया। मोहिबुल्ला नदवी की तरफ से रिश्ता आया, जिसे मेरे अब्बू ने स्वीकार कर लिया। रुमाना परवीन का आरोप है कि मोहिबुल्ला ने पहले की शादियों के बारे में नहीं बताया। वे कहती हैं- मुझे हर कदम सिर्फ धोखा मिला। 2 बेटियों के बारे में बिना बताए, मुझसे निकाह किया। घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। प्रेग्नेंट होने पर अबॉर्शन कराना चाहा। बेटे को लेकर अब मैं आगरा में अपने अब्बू के घर रह रही हूं। मैं मोहिबुल्ला के साथ करीब 3 साल तक रही। हलफनामे में 5 बच्चों को आश्रित बताया
मोहिबुल्ला नदवी ने 5वी शादी अपनी पहली पत्नी की रिश्तेदार समरा नाज से की है। वे मौजूदा समय उनके साथ रह रही हैं। इस पत्नी से भी मोहिबुल्ला को 2 बच्चे हैं। दोनों उन्हीं के साथ रहते हैं। मोहिबुल्ला नदवी ने अपनी 5वीं पत्नी का जिक्र 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में भी किया है। इसमें उन्होंने अपने 5 बच्चों को खुद पर आश्रित बताया है। जिसमें पहली पत्नी की दो बेटियां, चौथी पत्नी का बेटा, 5वीं पत्नी की एक बेटी और एक बेटा शामिल है। अब हाईकोर्ट का आदेश भी जानिए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसद मोहिबुल्ला नदवी के खिलाफ 14 अक्टूबर को आदेश दिया था। कहा था कि सपा सांसद को अपनी चौथी बीवी रुमाना को हर महीने 30 हजार रुपए गुजारा-भत्ता देना होगा। सांसद की पत्नी रुमाना नदवी ने उनके खिलाफ भरण-पोषण का दावा दायर किया था। कोर्ट ने मामला सुलझाने के लिए इसे हाईकोर्ट के मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र भेजा था। कोर्ट ने कहा था- रामपुर सांसद अपनी बीवी रुमाना नदवी के साथ अपने वैवाहिक विवाद को मध्यस्थता केंद्र के माध्यम से सुलझाएं। अदालत ने दोनों पक्षों को 3 महीने का समय दिया है। साथ ही आदेश दिया कि नदवी 55 हजार रुपए जमा करें। जिसमें से 30 हजार रुपए हर महीने बीवी को भरण-पोषण के लिए दिए जाएंगे। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मोहिबुल्ला नदवी की ओर से पेश वकील नरेंद्र कुमार पांडे ने दलील दी कि यह मामला वैवाहिक विवाद से जुड़ा है। उनका मुवक्किल इसे आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहता है। वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि मामला मध्यस्थता केंद्र को भेजा जाए, जिससे दोनों पक्ष मिल-बैठकर समाधान निकाल सकें। मोहिबुल्ला नदवी ने अपनी गंभीरता और ईमानदारी दिखाने के लिए यह भी पेशकश की कि वे मध्यस्थता केंद्र में पहली पेशी के दिन ही अपनी पत्नी को 50 हजार देने को तैयार हैं। समाधान तलाशने के लिए 3 महीने का समय
कोर्ट ने मध्यस्थ को दोनों पक्षों के बीच विवाद का समाधान तलाशने के लिए 3 महीने का समय दिया है। साथ ही कहा कि इसके बाद मामले को दूसरी उपयुक्त बेंच के सामने रिपोर्ट के साथ पेश किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यह मामला वर्तमान बेंच के समक्ष लंबित नहीं रहेगा। इसे आंशिक रूप से भी सुना हुआ नहीं माना जाएगा। जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, मोहिबुल्ला को अपनी पत्नी को हर महीने 30 हजार रुपए की मौजूदा भरण-पोषण राशि का भुगतान करना होगा। साथ ही, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि याचिका दाखिल करने की तारीख से लेकर इस आदेश की तारीख तक की बकाया राशि की वसूली पर फिलहाल रोक रहेगी। हालांकि, अगर मोहिबुल्ला यह तयशुदा राशि जमा करने में असफल रहते हैं या मासिक भरण-पोषण राशि का भुगतान नहीं करते हैं, या फिर यदि मध्यस्थता विफल हो जाती है, तो यह अंतरिम आदेश खुद-ब-खुद निरस्त हो जाएगा। आजम को लेकर बयानों से भी चर्चा में रहे हैं नदवी मोहिबुल्ला नदवी सपा नेता आजम खान को लेकर दिए बयानों को लेकर भी चर्चा में हैं। आजम भी उनके खिलाफ बोलने का कोई मौका नहीं चूकते। जेल से रिहा होने पर जब उनसे सपा सांसद के बारे में पूछा गया तो आजम ने कहा था कि वह कौन हैं मैं नहीं जानता। इस पर नदवी ने कहा था- वह बुजुर्ग हो गए हैं। लंबे समय तक जेल में रहे, तो उन्हें पहचानने में दिक्कत होगी ही। यही नहीं जेल से वापस आने के बाद से आजम की अब तक रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्ला नदवी से मुलाकात तक नहीं हुई है। मोहिबुल्ला नदवी ने भी बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि जिस तरह से एक्ट्रेस जयाप्रदा को प्रताड़ित किया गया, उसी तरह का कुछ लोग ख्वाब देख रहे हैं। लेकिन, मुझे डराने की कोशिश न करें। रामपुर की जनता मेरे साथ खड़ी है। आजम खान ने 2024 के चुनाव का बहिष्कार किया, उनके लोगों ने बसपा को वोट दिया था। नदवी ने कहा था- ये सब तरीके ठीक नहीं हैं। बड़ी ओछी हरकतें होती हैं कि बात बिगड़ जाएगी। बहुत बुरा हो जाएगा। आप इस लहजे में किसको धमका रहे? इस उम्र में ज्यादा बोलना भी बीमारी होती है। बाद में नदवी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ये तो अल्लाह ही जान सकता है कि नाराजगी की वजह क्या है? मैं तो इस पर हैरान हूं कि इस वक्त पूरे हिंदुस्तान में इतने मसले हैं। उन्हें सिर्फ ले-देकर मेरी ही जात का मसला सबसे अहम लग रहा है कि एक गांव में पैदा होने वाला मस्जिद का इमाम रामपुर का सांसद कैसे बन गया? -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... संभल हिंसा के वांटेड की गोल्ड बिस्किट संग तस्वीरें, दिल्ली से पासपोर्ट बनवा दुबई भागा शारिक साठा जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे चल रहा था। इसके विरोध में जमकर हिंसा हुई। 4 युवक मारे गए, 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। जांच आगे बढ़ी तो शारिक साठा का नाम सामने आया। शारिक साठा यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय से पता चला है कि शारिक ने अगस्त, 2020 में दिल्ली के फर्जी एड्रेस से पासपोर्ट बनवाया और एक महीने बाद ही दुबई भाग गया था। पढ़ें पूरी खबर