लखनऊ के बलरामपुर गार्डन, अशोक मार्ग पर आयोजित 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला आज समाप्त हो रहा है। मेले में हर आयु वर्ग के लोगों ने पुस्तकों का आनंद लिया। बाराबंकी के विनय ने दलित साहित्य की 15 पुस्तकें खरीदीं। मधूलिका ने जय शेट्टी और रोजर की किताबें पसंद कीं। इंटर के छात्रों अवंतिका और प्रभात ने किताबों के साथ बाइनाकुलर भी खरीदे। बच्चों ऋचा, क्षिति और आरव ने कलरिंग बुक और कहानियों की किताबें चुनीं। निखिल प्रकाशन द्वारा आयोजित पर्यावरण चेतना व सम्मान समारोह में 108 हिन्दी साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बंगाल के सेवानिवृत्त शिक्षक सुकुमार जैन की बांग्ला पुस्तक 'काकोली' का विमोचन हुआ। पुस्तक मेला समिति और द ट्रिब्यून के संयुक्त कार्यक्रम में चिकित्सा, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का सम्मान किया गया। भुशुण्डि साहित्य संस्थान के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समा बांधी वाणी प्रकाशन से रतन श्रीवास्तव की पुस्तक 'ख्वाबों का ताना-बाना' का विमोचन हुआ। भुशुण्डि साहित्य संस्थान के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समा बांधी। कार्यक्रम में रतन सिस्टर्स ईशा और मीशा के कथक नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। रुद्राष्टकम और राम वंदना की प्रस्तुतियों के साथ सूफी गीत छाप तिलक ने समां बांध दिया। उनकी शिष्याओं अनुष्का सिंह और रिद्धिमा श्रीवास्तव ने गणेश वंदना और काहे छेड़ पर नृत्य प्रस्तुत किया।