गोण्डा के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अतुल कुमार तिवारी को रिश्वत लेने के आरोपों से संबंधित एफआईआर में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से कोई राहत नहीं मिली है। सुनवाई के दौरान, याची बीएसए के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन और न्यायमूर्ति राजीव भारती की खंडपीठ ने बीएसए अतुल कुमार तिवारी की याचिका पर दिया। याचिका में गोण्डा जनपद के कोतवाली नगर में मनोज पाण्डेय द्वारा रिश्वत लेने व अन्य आरोपों में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई थी। एफआईआर कोर्ट के आदेश पर 4 नवंबर को दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वादी की कंपनी को जेम पोर्टल के माध्यम से फर्नीचर आपूर्ति का ठेका मिला था। आरोप है कि बीएसए अतुल कुमार तिवारी, डीसी जेम प्रेम शंकर मिश्रा और डीसी सिविल विद्या भूषण मिश्रा ने वादी से कहा कि 15 करोड़ रुपये के इस काम के लिए 15 प्रतिशत यानी 2 करोड़ 25 लाख रुपये कमीशन देना होगा। इसमें से 50 लाख रुपये उच्च अधिकारियों को दिए जाने थे, तभी वे आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगे। आरोप के अनुसार, बीएसए को 22 लाख रुपये, जबकि डीसी जेम प्रेम शंकर मिश्रा और डीसी सिविल विद्या भूषण मिश्रा को चार-चार लाख रुपये दिए गए। रिश्वत की शेष रकम को लेकर अधिकारियों और वादी के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद यह एफआईआर दर्ज कराई गई थी।