लंबे समय से बहाली के इंतजार में तीन IPS:एडीजी जसवीर 6 साल से ज्यादा सस्पेंड, अलंकृता VRS मांग रहीं

Jul 14, 2025 - 06:00
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लंबे समय से बहाली के इंतजार में तीन IPS:एडीजी जसवीर 6 साल से ज्यादा सस्पेंड, अलंकृता VRS मांग रहीं
यूपी पुलिस में सस्पेंड चल रहे 3 आईपीएस अफसर लंबे समय से अपनी बहाली का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से जसवीर सिंह सबसे लंबे समय तक सस्पेंड रहने का रिकॉर्ड बना रहे हैं। दूसरी महिला अफसर हैं- अलंकृता सिंह, जो बिना इजाजत विदेश चली गईं। तीसरे हैं- अंकित मित्तल, जो पत्नी से विवाद के बाद से सस्पेंड चल रहे हैं। इन तीनों अफसरों को सस्पेंड हुए लंबा समय हो चुका है, लेकिन सरकार कार्रवाई कर भूल गई है। अलंकृता सिंह ने तो वीआरएस के लिए भी आवेदन किया है। लेकिन, उनका वीआरएस अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल उठते हैं कि आखिर किसी अफसर पर कार्रवाई के नियम क्या है‌ं? कोई अफसर अधिकतम कितने दिनों तक सस्पेंड रह सकता है? अधिकारी के पास क्या विकल्प होते हैं? मौजूदा समय में जो अफसर सस्पेंड हैं, उनकी वजह क्या है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट... उत्तर प्रदेश के डीजीपी रह चुके सुलखान सिंह बताते हैं- किसी आईपीएस अधिकारी का निलंबन होता है, तो उसे केंद्र से 45 दिन के अंदर अप्रूवल लेना जरूरी है। वहीं, राज्य सरकार ने नियम बनाया है कि निलंबित अधिकारी की विभागीय जांच 6 महीने में पूरी होनी चाहिए। इस अवधि में अगर जांच पूरी नहीं हो पा रही, तो आमतौर पर अधिकारी को बहाल कर दिया जाता है। सुलखान सिंह बताते हैं- मौजूदा समय में जो अफसर निलंबित हैं। उनकी वजहें जो भी हों, अगर उनका दोष है तो कार्रवाई कर सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए। दोष नहीं है, तो उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। निलंबित अधिकारी के पास पहले ट्रिब्यूनल, फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रास्ता भी होता है। लेकिन, आमतौर पर अधिकारी सरकार से सीधे टकराव से बचने के लिए अदालत के चक्कर में नहीं पड़ते। जसवीर सिंह की क्यों नहीं हो रही बहाली? अलग-अलग अफसरों की बहाली न होने की अलग-अलग वजहें हैं। जैसे जसवीर सिंह की जांच डीजी स्तर के अधिकारी आनंद कुमार कर रहे थे। अप्रैल, 2024 में वे रिटायर हो गए। लेकिन उससे पहले वे अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप गए थे। सरकार ने अब तक उसका संज्ञान नहीं लिया। न तो उनकी बर्खास्तगी की कोई कार्रवाई हुई और न ही उन्हें बहाल किया गया। जसवीर सिंह ने एक अंग्रेजी पोर्टल को दिए इंटरव्यू में सरकार की नितियों की आलोचना की थी। इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई, तो वे छुट्‌टी पर चले गए। इसी दौरान उन्हें निलंबित कर दिया गया था। विदेश में हैं अलंकृता सिंह इसी तरह अलंकृता सिंह को भी सस्पेंड हुए 3 साल हो चुके हैं। उन्हें 27 अप्रैल, 2022 को निलंबित किया गया था। तब वे यूपी में महिला एवं बाल सुरक्षा में तैनात थीं। यहीं से उन्होंने विदेश जाने की इजाजत मांगी। इजाजत मिलने से पहले ही विदेश चली गईं। इसी आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया गया। बताया जाता है, अलंकृता सिंह ने वहीं से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए भी आवेदन कर दिया। लेकिन, निलंबन और विभागीय कार्रवाई के चलते उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति भी नहीं दी गई। पत्नी की शिकायत पर सस्पेंड हुए थे अंकित 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी अंकित मित्तल को उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 जून, 2024 को निलंबित किया था। पत्नी ने अंकित पर घरेलू हिंसा और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए थे। इसके आधार पर उन्हें निलंबित किया गया था। अंकित की पत्नी उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी गोपाल गुप्ता की बेटी हैं। उन्होंने अंकित मित्तल पर बदसलूकी और एक अन्य महिला के साथ अवैध संबंध (एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर) का आरोप लगाया था। इन आरोपों की शुरुआती जांच डीजी प्रशिक्षण ने की थी। इसमें अंकित मित्तल को दोषी पाया गया था। इसके बाद उन्हें पहले गोंडा के एसपी के पद से हटाया गया और फिर निलंबित कर दिया गया। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह बताते हैं- सबसे लंबे समय तक निलंबित रहने का रिकॉर्ड यूपी कॉडर के आईपीएस दीक्षिता के नाम है। वे अपनी नौकरी में आधे से अधिक समय तक निलंबित रहे। विक्रम सिंह के मुताबिक दीक्षिता काे भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया था। वह 1957 से 1975 तक कुल 18 साल निलंबित रहे। निलंबन की अवधि में कितना वेतन सुलखान सिंह बताते हैं- कि निलंबन की अवधि अधिकारी को निर्वाह भत्ता दिया जाता है। यह सामान्य रूप से उनके मूल वेतन का 50 प्रतिशत होता है। इसमें महंगाई भत्ता भी शामिल हो सकता है, जो उस समय लागू दर के अनुसार दिया जाता है। अगर निलंबन की अवधि 3 महीने से अधिक हो और जांच में देरी के लिए अधिकारी जिम्मेदार नहीं है, तो निर्वाह भत्ता को बढ़ाकर मूल वेतन का 75 प्रतिशत तक किया जा सकता है। ---------------------------- ये खबर भी पढ़ें... छांगुर बाबा 3 तरीकों से धर्मांतरण करवाता था, नसरीन-नवीन की अमीरी दिखाता, लव जिहाद के लिए मुस्लिम युवाओं को उकसाता बलरामपुर में धर्मांतरण का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर बाबा मुख्य रूप से 3 तरह से धर्म परिवर्तन करवाता था। उसके इन 3 तरीकों में एक तरीका मुस्लिम युवाओं को हिंदू लड़की से शादी करने और फिर उसे इस्लाम कबूल करवाने का था। दूसरे तरीके में वह लोगों को नीतू यानी नसरीन और उसके पति नवीन (जमालुद्दीन) को दिखाता। कहता, इन्होंने इस्लाम कबूल किया और आज इनके पास करोड़ों रुपए हैं। आलीशान बंगला और गाड़ी है। लोग उसकी इस बात से प्रभावित होते और फिर एक समय के बाद इस्लाम अपना लेते थे। पढ़ें पूरी खबर

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