लखनऊ के गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में तीन कहानियों का मंचन हुआ। इन कहानियों ने समाज की विभिन्न सच्चाइयों को दर्शाया। डॉ. मंजू शुक्ला की कहानी 'दस्ताने' में श्वेता नाम की एक लड़की की कहानी प्रस्तुत की गई। श्वेता डॉक्टर बनना चाहती है। उसकी सगाई एक अमीर युवक से तय होती है। सगाई तोड़ने पर उस पर तेजाब फेंकने का प्रयास किया जाता है। श्वेता संगीत शिक्षक माधव से प्रेम विवाह कर नई जिंदगी शुरू करती है। कहानी 'पेइंग गेस्ट' ने आधुनिक युवा मन की उलझनों को दिखाया डॉ. अमिता दुबे की कहानी 'पेइंग गेस्ट' आधुनिक युवा मन की उलझनों को दर्शाती है। कहानी में एक आत्मनिर्भर युवती है। एक युवक उसे परखने के लिए पेइंग गेस्ट बनकर रहने लगता है।ज्योत्सना सिंह की कहानी 'इश्क पर जोर नहीं' सोशल मीडिया पर प्रेम की कहानी है। इसमें लाला जी नाम का एक व्यक्ति फेसबुक पर एक युवती से मिलता है। यह कहानी हास्य और व्यंग्य से भरपूर है। कार्यक्रम का निर्देशन संगम बहुगुणा और विकास श्रीवास्तव ने किया। अर्चना शुक्ला, काव्या मिश्रा और शुभम दुबे सहित कई कलाकारों ने अभिनय किया। यह साहित्यिक संध्या दर्शकों के लिए यादगार रही।