लखनऊ में रियल एस्टेट कंपनी पोलार्स इंफ्रा डेवलपर्स ने फ्लैट देने के नाम पर एक महिला से 37.77 लाख रुपए ठग लिए।
महिला ने फर्म के दो प्रोजेक्ट में तीन फ्लैट बुक किए थे। पीड़िता का आरोप है कि रुपए लेने के 11 साल बीतने के बाद भी फ्लैट नहीं मिले।
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह के निर्देश पर गोमतीनगर पुलिस ने निदेशकों समेत चार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। परिचित के भाई ने की धोखाधड़ी
कानपुर चकेरी स्थित श्याम नगर निवासी कीर्ति कुरील के पति अरुण कुमार बोकारो स्टील सिटी झारखंड में नौकरी करते हैं।
उनका कहना है कि वह कानपुर में माता पिता के पास रहती है। भाई की दोस्ती संदीप चतुर्वेदी से थी। जिसके चलते संदीप का छोटा भाई ऋषि चतुर्वेदी भी अक्सर घर आता था।
2014 में ऋषि ने पोलार्स इंफ्रा डेवलपर्स के रियल एस्टेट फर्म के विषय में जानकारी दी। उसने कहा कि हमारी कंपनी फर्म लखनऊ में फ्लैट बना रही है।
उसने फ्लैट लेने का झांसा देकर गोमतीनगर विनीत खंड स्थित कंपनी के निदेशक सुधीर कुमार और दिनेश मणि राम नरेश तिवारी से मिलवाया।
जिसके बाद कंपनी के दिनेश मनीराम, केएस बाजपेई और सुधीर कुमार ने आश्वासन दिया कि जल्द ही फ्लैट का निर्माण कर कब्जा दिया जाएगा।
जिसके बाद उनके कहने पर कंपनी के प्रोजेस टावर में दो और पोलार्स गुलमोहर गार्डेन मोहनलालगंज में एक फ्लैट बुक कराया। साथ ही टुकड़ों में 37.77 लाख रुपए दिए।
इसके बाद भी फ्लैट नहीं मिला। ऋषि से पूछताछ करने पर वह भी टालमटोल करने लगा। जांच में पता चला कि इन लोगों ने फ्लैट के नाम पर धोखाधड़ी की है।
ब्रजेश चंद्र तिवारी ने बताया कि ऋषि चतुर्वेदी निवासी चकेरी, दिनेश मणि राम नरेश तिवारी निवासी आशियाना, सुधीर कुमार, केएस बाजपेयी के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और आपराधिक साजिश की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।