लखनऊ में उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की बैठक हुई। निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। इस में रजिस्ट्रार आरपी सिंह के साथ ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के तमाम पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे। मदरसा शिक्षा व्यवस्था में बदलाव को लेकर बैठक में बुद्धिजीवियों ने अपने विचार और सुझाव समिति के समक्ष रखे। इंदिरा भवन में हुई इस बैठक में मदरसे से जुड़े अहम व्यक्तियों को बुलाया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों मदरसा बोर्ड की पाठ्यक्रम को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे। इसलिए बैठक को भी काफी अहम माना जा रहा है। इस बैठक की रिपोर्ट जल्द ही मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। मदरसा शिक्षा में सुधार के लिए हाल ही में एक कमेटी भी गठित की गई थी। मदरसा शिक्षा नीति 2016 में बदलाव की संभावनाएं बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक अंकित अग्रवाल और समिति के समक्ष प्रिंसिपल और टीचरों ने मदरसा शिक्षा में बदलाव को लेकर अपने अपने सुझाव रखे।प्रदेश सरकार ने फिलहाल मदरसों में नियुक्ति को लेकर रोक लगाई है। मदरसा शिक्षा नीति 2016 को बदलने की बात चल रही है। मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए इसे काफी अहम माना जा रहा है। इसी को ध्यान में रखकर मदरसा शिक्षा में सुधार के लिए जिले स्तर से सुझाव मांगे गए थे। सीएम ने समिति गठन करने के दिये थे निर्देश बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसा शिक्षा में व्यापक सुधार को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। जिसमें मदरसों के पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ ही मदरसा शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों की योग्यता में बदलाव की बात उठी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। समिति मदरसों के संचालन और वहां पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को लेकर जरूरी बदलावों पर अपनी रिपोर्ट देगी। समिति में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त, न्याय और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव सदस्य के तौर पर शामिल हैं। 'मदरसा शिक्षा के मूल स्वरूप में बदलाव न हो' टीचर्स एसोसिएशन मदरसे अरबिया उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष दीवान साहब जमा ने कहा हम लोगों ने अपने अपने सुझाव समिति के सामने रखे हैं। संगठन का मानना है कि मदरसा शिक्षा के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए सरकार शिक्षा में व्यापक सुधार करे। हम उसका स्वागत करते हैं। हम चाहते हैं कि बाकी बोर्ड के बच्चों की तरह ही मदरसा के बच्चों को भी अच्छी तालीम मिले लेकिन इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ न हो।