लखनऊ में युवक की हुई रेयर हार्ट सर्जरी:40 मिनट तक बंद रहा ब्लड सर्कुलेशन, 7 घंटे तक चला ऑपेरशन

Sep 22, 2025 - 12:00
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लखनऊ में युवक की हुई रेयर हार्ट सर्जरी:40 मिनट तक बंद रहा ब्लड सर्कुलेशन, 7 घंटे तक चला ऑपेरशन
लखनऊ के डॉक्टरों ने प्रयागराज के युवक की फ्रोजन एलीफेंट ट्रंक प्रोसिजर के जरिए जटिल सर्जरी कर नया जीवन दिया है।7 घंटे तक चली इस जटिल सर्जरी के दौरान करीब 40 मिनट तक ब्लड सर्कुलेशन भी रोकना पड़ा। साथ ही बॉडी टेंपरेचर को भी 18 डिग्री सेल्शियस तक कम तापमान पर रखा गया। ऑपेरशन के बाद आखिरकार डॉक्टर ब्रेन को ऑक्सीजन पहुंचाने वाली आर्टरीज (धमनियों) को दुरस्त करने में सफल रहे है। ऑपेरशन के बाद मरीज को कुछ दिन अस्पताल में रखा गया और फिर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सर्जरी करने लखनऊ के गोमतीनगर स्थिति मैक्स हॉस्पिटल के हार्ट सर्जन डॉ.विजयंत देवे‍नराज ने बताया कि एसेन्डिंग एओर्टा और एओर्टिक आर्च का रिप्लेसमेंट, ब्रेन आर्टरी की डिब्रांचिंग की गई और डिसेन्डिंग थोरेसिक एओर्टा के लिए एओर्टिक-स्टेंटेड हाइब्रिड ग्राफ्ट लगाया गया। मरीज़ में लगभग 8 सेंटीमीटर की बड़ी एओर्टिक डिसेक्शन पाई गई थी, जो एओर्टिक रूट से लेकर एब्डॉमिनल एओर्टा तक फैली हुई थी। यदि इलाज न होता तो यह किसी भी समय फट सकती थी और जिससे मौत हो जाती। ऐसे की जटिल सर्जरी डॉ.विजयंत देवे‍नराज ने बताया कि इस दौरान शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को रोका जाता है। दिल, दिमाग, किडनी, लिवर जैसे अहम ऑर्गन में भी ब्लड सर्कुलेशन रोका गया।इस दौरान मरीज़ के शरीर का तापमान “डीप हाइपोथर्मिक टोटल सर्क्युलेटरी अरेस्ट” (DHTCA) के ज़रिए 18 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया गया और फिर सर्जरी की गई। 5 महीने पहले अचानक दिखे लक्षण सर्जरी करने वाले डॉ.विजयंत देवे‍नराज ने बताया कि मरीज को लगभग 5 महीने से सीने में दर्द और सांस फूलने की समस्या थी, जिसे उन्होंने ऐसिडिटी या सीने में जकड़न समझकर इग्नोर कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर परिवार ने उन्हें मैक्स अस्पताल में दिखाया, जहां जांच और सीटी एओर्टोग्राम से यह खतरनाक एओर्टिक डिसेक्शन की कंडीशन सामने आई। डॉक्टरों ने यह भी आशंका जताई कि उन्हें मार्फन सिंड्रोम हो सकता है। जो एक जन्मजात कनेक्टिव टिशू डिसॉर्डर है, जिससे ऐसी वैसकुलर समस्या हो सकती हैं। इस वजह से पड़ा ये नाम डॉ.विजयंत देवे‍नराज ने बताया कि मरीज की कम उम्र के कारण यह एक असाधारण और जटिल मामला था। उनकी एओर्टिक रूट से लेकर एब्डॉमिनल एओर्टा तक एक 8 सेमी का डिसेक्शन पाया गया जो गुर्दे की धमनियों से ठीक पहले था, साथ ही ब्रेन, सीने और पेट के मुख्य अंगों को खून पहुंचाने वाली आर्टरीज को प्रभावित कर रहा था। हमने एक असामान्य और जटिल हाइब्रिड सर्जरी ‘फ्रोजन एलीफेंट ट्रंक’ करने का तय किया। ये नाम इसके शेप की वजह से मिला है। इस सर्जरी में हमने ऐऑर्टा के जिस हिस्से में नुकसान पहुंचा था उसे रिप्लेस किया, एसेन्डिंग एओर्टा और एओर्टिक आर्च और ब्रेन आर्टरीज का पूरा रिप्लेसमेंट,और डिसेन्डिंग थोरेसिक एओर्टा में एओर्टिक-स्टेंटेड हाइब्रिड ग्राफ्ट लगाया और ये सब एक ही ऑपरेशन में किया गया। 40 मिनट तक रुका रहा ब्लड सर्कुलेशन डॉ.देवे‍नराज ने बताया कि दिल और मुख्य आर्टरीज पर सुरक्षित काम के लिए मरीज के शरीर को लगभग 18 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया गया और लगभग 35–40 मिनट तक पूरे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन रोका गया। इस तकनीक से गंभीर एओर्टिक आर्च रोगों में सर्जरी की सहूलियत मिलती है। सर्जरी लगभग 7 घंटे चली। इसमें एसेन्डिंग एओर्टा का रिप्लेसमेंट और आर्च वेसल्स की डिब्रांचिंग और स्टेंटेड ग्राफ्टिंग की गई। साथ ही ब्रेन आर्टरीज़ को फिर से जोड़ा गया। बेहद कम ब्लड लॉस में हुआ ऑपेरशन सर्जरी के बाद मरीज को ICU में शिफ्ट किया गया और दो दिनों तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। इतने बड़े और जटिल ऑपरेशन के बावजूद ब्लड लॉस बहुत कम रहा और स्वस्थ होने की प्रक्रिया सरल रही। मरीज को सर्जरी के दस दिन बाद स्वस्थ अवस्था में छुट्टी दे दी गई।

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