लखनऊ में साइबर ठगों ने 4.28 करोड़ करी ठगी:रिटायर अफसर और कारोबारियों को बनाया निशाना; मुकदमा दर्ज

Dec 13, 2025 - 01:00
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लखनऊ में साइबर ठगों ने 4.28 करोड़ करी ठगी:रिटायर अफसर और कारोबारियों को बनाया निशाना; मुकदमा दर्ज
लखनऊ में साइबर ठगों ने आशियाना के रिटायर्ड अधिकारी सहित पांच लोगों के खातों से 4 करोड़ 28 लाख रुपए उड़ा लिए गए। ठगी के ये तरीके भी अलग-अलग थे। कभी क्रिप्टो में मोटा मुनाफा, कभी शेयर ट्रेडिंग का लालच, कभी सरिया आपूर्ति का झांसा, तो कभी रिश्तेदारी और पहचान का हवाल देकर ठगी की गई। व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़कर 70 लाख की ठगी आशियाना सेक्टर जी निवासी और रिटायर्ड अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह को नवंबर में टोकॉ क्रिप्टो नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया गया। एडमिन ने क्रिप्टो में भारी मुनाफे का लालच देकर उन्हें एक ऐप डाउनलोड करवा दिया। प्रदीप ने कई किश्तों में 70 लाख रुपए ऐप पर डाल दिए। लाभ दिखने पर निकासी की कोशिश की तो एडमिन ने शर्तों का पिटारा खोल दिया और आखिर में पूरा पैसा डूब गया। 1.86 करोड़ का झांसा और रकम साफ इंदिरा नगर सेक्टर सी निवासी बुजुर्ग ब्रह्मानंद को भी शेयर मार्केट में बड़ा रिटर्न दिलाने का झांसा दिया गया। उन्होंने धीरे-धीरे 1 करोड़ 86 लाख रुपए निवेश कर दिए। जब निकासी की बात आई, तो पूरा खाता खाली निकल आया। बिजनौर के मणि तिवारी से 1.12 करोड़ और आशियाना सेक्टर–जे के अमित श्रीवास्तव से 49.5 लाख रुपए इसी तरह ट्रेडिंग ऐप के नाम पर हड़प लिए गए। एप में 33 लाख का मुनाफा दिखाकर टैक्स के नाम पर ठगा मलिहाबाद के हरिहरपुर निवासी मो. रफीक ने एक व्यक्ति की बातों में आकर ACML Pro Trading ऐप में 2.81 लाख रुपए जमा किए। ऐप में 33 लाख रुपए का लाभ दिखा तो वह खुश हो उठे, लेकिन ठगों ने मुनाफा दिलाने के नाम पर 6 लाख टैक्स की मांग कर डाली। यहीं उन्हें ठगी का शक हुआ। सस्ते सरिये का लालच, 4.57 लाख गंवाए अतरौली (गुडंबा) के विजय द्विवेदी ने मकान निर्माण के लिए सरिया खरीदने की खोज की। गूगल पर आए नंबर पर बात की तो खुद को ‘गैलेंट इस्पात’ बताने वाले ठगों ने 4 लाख 57 हजार रुपए ले लिए। तय समय पर डिलीवरी न मिलने पर उन्हें ठगी का पता चला। फेसबुक मैसेंजर पर जवान बनकर एक लाख का चूना इंदिरा नगर सी ब्लॉक के ओमजी श्रीवास्तव को रिश्तेदार के फेसबुक मैसेंजर से मैसेज आया कि एक CRPF जवान का ट्रांसफर हो गया है और वह घरेलू सामान बेचना चाहता है। पसंद आने पर ओमजी ने 1 लाख रुपए भेज दिए। रकम मिलते ही जालसाज सामान भेजने की जगह नई मांगें करने लगा। पिता का दोस्त बताकर 20 हजार ऐंठे अवध विहार योजना के अलखनंदा अपार्टमेंट में रहने वाली रागिनी को एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को उनके पिता का पुराना दोस्त बताया और कहा कि वह उनके पिता के 15 हजार रुपए लौटाना चाहता है। बातचीत के बीच उसने व्हाट्सएप पर 55 हजार रुपए क्रेडिट होने का फर्जी मैसेज भेजा और कहा कि गलती से ज्यादा पैसे भेज दिए हैं, 40 हजार वापस कर दो। रागिनी ने बैलेंस देखे बिना 20 हजार भेज दिए। बाद में पता चला कि उनके खाते में एक रुपया भी नहीं आया था।

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