लखनऊ की सीतापुर रोड स्थित योजना कॉलोनी में 33वीं रामलीला उत्सव चल रही हैं। रामलीला के दूसरे दिन रविवार को कैकेयी-मंथरा संवाद, कैकेयी-दशरथ संवाद और दशरथ मरण के दृश्यों का मंचन किया गया। मंचन की शुरुआत भगवान राम और लक्ष्मण की आरती से हुई। मंथरा द्वारा कैकेयी के मन में कटु वचन डालने और रानी कैकेयी के बदलते मन के दृश्यों ने दर्शकों को प्रभावित किया। राजा दशरथ द्वारा राम को वनवास देने की प्रतिज्ञा का मंचन भी भावुक करने वाला रहा। ‘क्यों कोप भवन में बैठी हो...’ जैसे संवादों ने मंचन को सजीव बना दिया। राम के वनवास का समाचार सुनकर गहरा आघात लगा उधर, ननिहाल से लौटे भरत को पिता की मृत्यु और भाई राम के वनवास का समाचार सुनकर गहरा आघात लगा। कैकेयी द्वारा उन्हें गद्दी सौंपने की बात पर भरत ने दृढ़ता से कहा कि ज्येष्ठ भ्राता के होते छोटा राज नहीं कर सकता। इस दृश्य पर पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने आगामी मंचन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोमवार को भगवान शंकर आरती, केवट-राम संवाद, भरत मिलाप, पंचवटी प्रसंग, खर-दूषण वध, सीताहरण और जटायु मरण के दृश्य प्रस्तुत किए जाएंगे।