लखनऊ चौक स्थित रामलीला ग्राउंड में श्री पब्लिक बाल रामलीला समिति द्वारा आयोजित 88वां रामलीला महोत्सव संपन्न हो गया। इस दौरान श्रीराम का वन गमन, केवट संवाद, दशरथ मरण और चित्रकूट में भरत मिलाप जैसी प्रमुख लीलाओं का मंचन किया गया। श्रीराम की भूमिका में लव तिवारी, सीता माता की भूमिका में राघव और लक्ष्मण की भूमिका में विवेक मिश्रा ने अभिनय किया। वन गमन के दृश्य में राम, सीता और लक्ष्मण द्वारा अयोध्या त्यागने का निर्णय दिखाया गया। माता कौशल्या के आशीर्वाद और अयोध्यावासियों के विलाप ने दर्शकों को प्रभावित किया। प्रभु! आपके चरणों की धूल से पत्थर तैर जाते हैं.. केवट संवाद में अमन तिवारी ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा, प्रभु! आपके चरणों की धूल से पत्थर तैर जाते हैं, मेरी नाव तो लकड़ी की है, उसे भी मोक्ष मिल जाए! दशरथ मरण की लीला में पंकज त्रिपाठी ने महाराज दशरथ के वियोग को प्रस्तुत किया। उनके संवाद थे, राम... मेरे प्राण राम... सुमंत की भूमिका में अवधेश शुक्ला ने राजा दशरथ के आदेशों का पालन करते हुए अयोध्या की स्थिति को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, राजन! यह तो आपके वचन का प्रतिफल है, किंतु प्रजा का दुःख कौन दूर करेगा? भरत मिलाप में माधव ने भरत के रूप में अभिनय किया। चित्रकूट पहुँचकर राम के चरणों में सिर झुकाते हुए उन्होंने कहा, भैया! अयोध्या आपके बिना अधूरी है, लौट आइए, राज्य आपके चरणों में अर्पित है। इस दृश्य पर जय श्रीराम के जयकारे लगे। कार्यक्रम के अंत में समिति के महामंत्री डॉ. राज कुमार वर्मा ने कहा कि आज की लीलाएँ त्याग, धर्म और प्रेम का संदेश देती हैं।