भास्कर न्यूज | बलरामपुर युक्तियुक्तकरण और पुराने सेटअप की बहाली सहित कई मांगों को लेकर जिलेभर के शिक्षक काली पट्टी लगाकर स्कूल पहुंचे। शिक्षक साझा मंच के जिला संचालक पवन सिंह ने कहा कि प्रदेश संचालक संजय शर्मा और अन्य 22 प्रदेश संचालकों के मार्गदर्शन में यह विरोध शुरू हुआ है। स्कूल खुलने के पहले दिन से ही बलरामपुर सहित पूरे प्रदेश में शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध कर रहे हैं। शिक्षक साझा मंच की प्रमुख मांगों में युक्तियुक्तकरण रद्द करना, 2008 का सेटअप लागू करना, सोना साहू के तर्ज पर सभी शिक्षकों को एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान देना, प्रथम सेवागणना के आधार पर पुरानी पेंशन और अन्य लाभ देना, पदोन्नति में बीएड की अनिवार्यता खत्म करना शामिल है। प्रदेश के 23 शिक्षक संगठनों के संयुक्त फोरम शिक्षक साझा मंच द्वारा यह विरोध लगातार जारी है। मंच के पदाधिकारियों ने कहा अब आंदोलन का तरीका बदला है। शिक्षक स्कूलों में बच्चों का प्रवेश कराएंगे, गणवेश और किताबें वितरित करेंगे। रोज स्कूल जाकर पढ़ाई भी कराएंगे। साथ ही 16 से 30 जून तक काली पट्टी लगाकर सरकार की नीतियों का विरोध करते रहेंगे। प्रदेश संचालकों ने कहा कि प्रवेश उत्सव के दौरान स्कूलों में आने वाले ग्रामीण, पंच-सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, पालक समिति और विद्यालय प्रबंध समिति के सामने राज्य सरकार की शिक्षा और शिक्षक विरोधी नीतियों को उजागर किया जाएगा। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार ने सभी प्राथमिक, मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में एक-एक शिक्षक की संख्या कम कर दी है। 30 जून तक जारी रहेगा विरोध शिक्षकों ने कहा कि स्कूलों के मर्ज होने से प्रधान पाठक के पद खत्म हो गए हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। प्राथमिक स्कूलों में अब केवल दो शिक्षक रह गए हैं। मिडिल स्कूलों में तीन से चार शिक्षक ही बचे हैं। इतने कम शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव नहीं है। शिक्षक साझा मंच ने प्रदेश के सभी जिलों, विकासखंडों और संकुलों के संघ प्रतिनिधियों और आम शिक्षकों से अपील की है कि वे 30 जून तक प्रतिदिन काली पट्टी लगाकर स्कूल जाएं और सरकार की गलत नीतियों का विरोध करें।