आगरा के ताजगंज स्थित श्मशान घाट में घायल युवक को इलाज के लिए दिल्ली रेफर किया गया था। लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। मृतक के भाई ने उसके साथ काम करने वाले एक अन्य युवक के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
ताजगंज श्मशान घाट पर शनिवार की रात मुर्दा जलाने वाला शमशुद्दीन घायल अवस्था में मिला था। पूरे चेहरा नोंचा हुआ था, आंख निकली हुई थी। उसे इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वहां जांच में मिला कि उसका जबड़ा टूटा हुआ था। चेहरे के ऊपरी हिस्से पर गंभीर चोट थी। शमशुद्दीन को इलाज के लिए दिल्ली रेफर किया गया था। इलाज के लिए दिल्ली ले जाते समय शमशुद्दीन की रास्ते में ही मौत हो गई।
शमशुद्दीन के भाई बदरुद्दीन का कहना है कि उसका भाई शमशुद्दीन पिछले तीन साल से ताजगंज श्मशान घाट पर रह रहा था। वहां चिता लगाने का काम करता था। रविवार की सुबह 10 बजे ठेल वालों ने बताया था कि वह गंभीर रूप से जख्मी हालत में पड़ा है। उसकी एक आंख बाहर निकली हुई थी। किसी भारी वस्तु से उसके चेहरे के ऊपरी हिस्से पर कई प्रहार किए गए थे। भाई ने ही उसे एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था।
पुलिस इस घटना को जंगली जानवर का हमला मान रही थी। लेकिन अब ताजगंज पुलिस अब जांच में जुटी है। आशंका जताई जा रही है कि हत्याकांड के तार श्मशान पर रहने वालों से ही जुड़े हुए हैं। शमशुद्दीन के भाई का कहना है कि श्मशान पर काम करने वालों से जानकारी मिली है कि उसका भाई रात एक बजे तक जिंदा था। श्मशान में रहने वालों ने उसे टहलते देखा था। उसके बाद किसी ने उसे नहीं देखा।
शमशुद्दीन का कहना है कि श्मशान पर ही काम करने वाले एक युवक से शमशुद्दीन की दो-तीन दिन पहले लड़ाई हुई थी। उसने भाई को जान से मारने की धमकी दी थी। शमशुद्दीन के भाई ने तहरीर दी है। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।