संभल के मरकज़ी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उल उलूम में मरकज़ी रुयते हिलाल कमेटी की बैठक हुई। मौलाना क़ारी राशिद रज़वी की अध्यक्षता में हुई बैठक में चांद दिखने की पुष्टि की गई। कमेटी ने घोषणा की कि 29 मई को जिलहिज्जा माह की पहली तारीख होगी। मुफ़्ती आलम राजा नूरी ने कहा कि भारत के कई हिस्सों में चांद दिखा है। 7 जून को मुस्लिम समुदाय ईद-उल-अज़हा की नमाज अदा करेगा। साहिब-ए-निसाब लोग कुर्बानी करेंगे। मुफ़्ती नूरी ने त्योहार को शांतिपूर्वक मनाने की अपील की। उन्होंने प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करने और कुर्बानी के दृश्य सोशल मीडिया पर साझा न करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति और भाईचारे का संदेश देता है। उन्होंने स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश दिए। कुर्बानी के मांस को पर्दे में रखने और खून को नालियों में न बहाने को कहा। उन्होंने कहा कि कुर्बानी दिखावे के लिए नहीं, केवल अल्लाह की रजा के लिए होनी चाहिए। इस दौरान बैठक में क़ारी तनज़ीम अशरफ़, मुफ़्ती अहमद रज़ा, मौलाना ज़हीरुल इस्लाम समेत कई प्रमुख उलेमा, इमाम और समाजसेवी मौजूद थे।