शरद पूर्णिमा के अवसर पर लखनऊ की झूलेलाल वाटिका में सनातन महासभा ने भव्य सनातन समागम और 143वीं माँ गोमती महाआरती का आयोजन किया। गोमती तट पर आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण, स्वस्तिवाचन, पुष्पांजलि और शंखनाद के साथ हुआ। सात मंचों से स्वामी आनंद नारायण, स्वामी वीरेंद्र सरकार, महामंडलेश्वर आनंद गिरी और पूर्व आईएएस आशा सिंह के सानिध्य में महाआरती संपन्न हुई। इस दौरान मृदंग, मंजीरा, ढोल, तासे और शंख की ध्वनियों से पूरा परिसर आध्यात्मिक वातावरण से गूंज उठा। लोगों ने नशामुक्त समाज का संकल्प लिया महासभा अध्यक्ष डॉ. प्रवीण ने बताया कि आरती से पहले शरद पूर्णिमा पर 'नशा मुक्त प्रदेश अभियान' को आगे बढ़ाने के लिए मद्यनिषेध विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से रवि चौहान के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने नशामुक्त समाज का संकल्प लिया। कार्यक्रम में बाल्मीकि जयंती पर पूज्य बाल्मीकि को पुष्पांजलि अर्पित की गई और नशा व अपराध मुक्त भारत बनाने पर चर्चा हुई। एसएसएस फाउंडेशन की ओर से अरुण कुमार, शुभम गौतम, जारा हयात और अंकिता के नेतृत्व में मनमोहक भरतनाट्यम और सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किए गए। 501 दीपों को प्रज्ज्वलित किया गया महिलाओं ने करवाचौथ भारतीय परिधान प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिनमें से विजेताओं को पुरस्कार दिए गए। महाआरती का संयोजन डॉ. प्रवीण और प्रवक्ता विकास मिश्र ने किया। महाआरती के बाद 501 दीपों से घाट दिवाली की तरह आलोकित हो उठा। कार्यक्रम का संचालन विकास मिश्र ने किया। अंत में श्रद्धालुओं ने शरद पूर्णिमा की खीर का प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर 11 सनातन पदाधिकारियों व सदस्यों को गंगाजल, कृपाण व तलवार देकर धर्म विस्तार हेतु संकल्प कराया गया।लखनऊ बार अध्यक्ष रमेश तिवारी, समाजसेवी सीमा मिश्रा, वर्षा सिन्हा और अरुण कुमार को सनातन गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।