बुंदेलखंड में खाद संकट के बीच महोबा से खाद की कालाबाजारी का एक वीडियो सामने आया है। इसमें कबरई ब्लॉक के ग्योडी गांव की बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति के सचिव धर्मेंद्र कुमार पर सरकारी खाद की हेराफेरी का गंभीर आरोप लगा है। वीडियो में खाद की बोरियों को पशु आहार की बोरियों में छिपाकर रखा गया दिखाया गया है। वायरल वीडियो में सचिव धर्मेंद्र कुमार अपनी बाइक से खाद की बोरी ले जाते दिख रहे हैं, उनके साथ एक अन्य व्यक्ति बोरी पकड़े हुए है। जब एक किसान ने उनसे सवाल किया तो वे कोई जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद किसान ने समिति के अंदर जाकर वीडियो बनाया। समिति के अंदर पशु आहार की बोरियों के बीच कई सरकारी खाद की बोरियां छिपाकर रखी मिलीं। यह देखकर खाद मिलने की उम्मीद में टोकन लेकर खड़े किसानों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की है। किसानों का आरोप है कि समिति में सरकारी खाद की कालाबाजारी की जा रही है। खाद की बोरियां पशु आहार की बोरियों में छिपाकर बाहर निकाली जाती हैं और अधिक पैसे देने वालों को बेची जाती हैं। इस वजह से जरूरतमंद किसानों को घंटों लाइन में लगने के बावजूद खाद नहीं मिल पा रही है। आरोपों पर सफाई देते हुए समिति सचिव धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि वीडियो में दिख रही खाद की बोरियां उनके यहां काम करने वाले पल्लेदारों की थीं। उन्होंने दावा किया कि खाद की बोरियां फटी हुई थीं, इसलिए उन्हें पशु आहार की बोरियों में रखा गया था। सचिव ने कालाबाजारी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए वीडियो बनाने वाले किसान पर पल्लेदारों से मारपीट करने का आरोप भी लगाया है। हालांकि, वायरल वीडियो ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है और किसान अब खाद वितरण में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। उच्चाधिकारियों ने मामले की जांच कराने की बात कही है।